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कानपुर में पहले गणतंत्र दिवस पर उठी थी मेमोरियल वेल पार्क खोलने की आवाज, अब इस नाम से जाना जाता

आजादी के बाद पहले गणतंत्र दिवस पर आजादी के दीवाने जन सैलाब के साथ सड़कों पर निकले थे। जुलूस का कोई ओर-छोर नहीं था। बच्चों को कंधे में बैठाकर लोग...

कानपुर में पहले गणतंत्र दिवस पर उठी थी मेमोरियल वेल पार्क खोलने की आवाज, अब इस नाम से जाना जाता
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरTue, 25 Jan 2022 12:45 PM
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आजादी के बाद पहले गणतंत्र दिवस पर आजादी के दीवाने जन सैलाब के साथ सड़कों पर निकले थे। जुलूस का कोई ओर-छोर नहीं था। बच्चों को कंधे में बैठाकर लोग जुलूस में शामिल हुए थे। तत्कालीन मुख्य मंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने फूलबाग की सभा को संबोधित किया था। इसमें जनता ने मेमोरियल वेल पार्क खोलने की मांग एक स्वर में उठाई थी। उन्होंने जनता को मांग पूरी करने का भरोसा दिलाया था। बाद में यह मेमोरियल वेल जनता के लिए खोला गया। अब इसका नाम नानाराव पार्क है।

आजादी के पहले गणतंत्र दिवस के उत्सव के गवाह रहे बुजुर्ग कांग्रेसी शंकर दत्त मिश्रा को उस समय का नजारा अब भी याद है। वह बताते हैं कि कई दिन पहले तैयारी शुरू हो गई थी। उस समय वह लगभग 11 साल के थे। अपने पिता लालमणि मिश्रा के साथ दोपहर 12 बजे तिलक हॉल पहुंचे। वहां पर झंडारोहण के बाद जुलूस निकाला गया। आगे-आगे हाथी-घोड़े पीछे पुलिस बैंड, बैंड बाजा, पुलिस की टुकड़ियां, एनसीसी के छात्र-छात्राओं की टुकड़ी फिर एक के बाद एक देशप्रेम का संदेश देती शहीदों की यादों से जुड़ी झाकियां लग गईं। भीड़ इतनी थी कि उसका एक छोर बादशाहीनाका तो दूसरा मेस्टन रोड था। बीच-बीच से गलियों से झाकियां लेकर लोग जुड़ रहे थे। पीछे नागरिक जुलूस जुड़ा तो गजब का नजारा हो गया। फूलबाग की सड़क के बाहर तक लोग थे। इस जुलूस की परंपरा 1967 के बाद तक रही।

उन्होंने बताया, मेमोरियल वेल अंग्रेज शासन काल में नहीं खुलता था। यहां पर अंग्रेजों को क्रांतिकारियों ने मौत के घाट उतारा था। उनकी याद में कब्रें बनी थीं। कई अंग्रेजों को कुएं में फेंक दिया गया। यहीं पर बरगद के पेड़ से क्रांतिकारियों को लटका कर फांसी दी गई। अंग्रेजों ने इसे मेमोरियल वेल के नाम से संरक्षित किया था, जहां भारतीय जनता नहीं जा सकती थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने लोगों की मांग पर 1951 में इसे जनता के लिए खोल दिया था। बाद में यहां कुएं के स्थान पर तात्याटोपे की प्रतिमा स्थापित की गई। पार्क का नानाराव पार्क रखा गया।

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