परौंख की माटी ने मुझे साधारण बालक से राष्ट्रपति बना दिया: कोविंद
मां तुझे प्रणाम...मातृभूमि परौंख की मिट्टी को हाथ में लेकर ये शब्द देश के प्रथम नागरिक रामनाथ कोविंद के थे। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपनी...
कानपुर । प्रमुख संवाददाता
मां तुझे प्रणाम...मातृभूमि परौंख की मिट्टी को हाथ में लेकर ये शब्द देश के प्रथम नागरिक रामनाथ कोविंद के थे। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपनी जन्मस्थली परौंख और कर्मस्थली पुखरायां पहुंचने पर भावुक हो गए। भरी सभा में बोले कि इसी माटी ने मुझ जैसे साधारण बालक को राष्ट्रपति बना दिया। सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी निभाने के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था लेकिन आपके प्यार, स्नेह और सम्मान की वजह से इस पद पर पहुंच पाया। अभिनंदन समारोह तक आते-आते वह इतने भाव-विह्वल हो चुके थे कि अपनी भावनाओं को छिपा नहीं सके।
रविवार को झींझक स्थित पैतृक गांव परौंख पहुंचे कोविंद ने हेलीकॉप्टर से उतरकर गांव की मिट्टी को छूकर नमन किया फिर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गांव भ्रमण पर निकले। अभिनंदन समारोह में उन्होंने कहा कि मुझे देखने की ललक जितनी आपको थी उससे ज्यादा मुझे आप सभी को देखने की थी। पुखरायां में युवाओं से बोले, आपमें अपार ऊर्जा है और ऊर्जा का प्रदर्शन भी चीख-चीखकर करते हैं। सीएम भी युवा हैं मैं और राज्यपाल उम्र की दृष्टि से भले ही युवा न हों लेकिन मैं दावे से कह सकता हूं कि आपके अंदर काम करने की जो ललक है, मेरे और राज्यपाल के अंदर उससे ज्यादा है।
मेरी यात्रा पर होने वाला खर्च जनता का
गांव के लोगों द्वारा बार-बार आने के आमंत्रण पर राष्ट्रपति ने कहा कि उनके पास आने के लिए समय है लेकिन पद की गरिमा के चलते यूं ही नहीं आ सकता। दो दिन की यात्रा पर 18 से 20 लाख रुपए का खर्च आता है। ये पैसा आपका है, टैक्स देने वालों का है। इसलिए फोन से हालचाल लीजिए। पत्र भेजकर शुभकामनाएं दीजिए।
मुख्यमंत्री की प्रेरणा से यहां आया
राष्ट्रपति ने कहा कि अपने लोगों के बीच गांव आने की तमन्ना काफी दिनों से थी लेकिन गर्मी और बरसात के कयासों के कारण सशंकित था। तब एक शिष्टाचार भेंट में सीएम योगी ने कहा कि गर्मी-बरसात की चिंता मत कीजिए। चलना है तो चलना है। उनके इस वाक्य ने मन में भरी शंकाओं को खत्म कर दिया।