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राष्ट्रपति ने भाई को दी रुद्राक्ष की माला, भांजे से सुनी कविता

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह जैसे ऐतिहासिक पल के गवाह बने बड़े भाई और भांजे शुक्रवार को कानपुर लौट आए। राष्ट्रपति भवन छोड़ने से पहले भाई और भांजे ने रामनाथ कोविंद से मुलाकात भी की। इस...

राष्ट्रपति ने भाई को दी रुद्राक्ष की माला, भांजे से सुनी कविता
अभिषेक मिश्र,कानपुर Sat, 29 Jul 2017 02:13 AM
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह जैसे ऐतिहासिक पल के गवाह बने बड़े भाई और भांजे शुक्रवार को कानपुर लौट आए। राष्ट्रपति भवन छोड़ने से पहले भाई और भांजे ने रामनाथ कोविंद से मुलाकात भी की। इस दौरान राष्ट्रपति ने अपने भाई को रुद्राक्ष की माला भेंट की। भांजे ने उन्हें एक कविता भी सुनाई। जिसकी राष्ट्रपति ने भूरि भूरि प्रशंसा की।
कानपुर के काकादेव में रहने वाले एडवोकेट रामशंकर कोविंद राष्ट्रपति के भांजे हैं। वह अपनी बेटी साक्षी कोविंद के साथ 24 जुलाई को शपथ ग्रहण में शामिल होने दिल्ली निकल गए थे। जहां अगले दिन उन्होंने शपथ ग्रहण के ऐतिहासिक पल को आंखों से देखा। शपथ ग्रहण के बाद मामा रामनाथ ने उन्हें रुकने के लिए कहा। जिसपर वह शुक्रवार तक वही रुके। इस दौरान उनके साथ गुना में रहने वाले राष्ट्रपति के बड़े भाई रामस्वरूप भारती भी रुके। शुक्रवार को लौटते समय रामशंकर ने अपने बड़े मामा रामस्वरूप के साथ दोपहर सवा 12 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात की। 15 मिनट की इस मुलाकात में राष्ट्रपति ने दोनों लोगों और उनके परिवार के सदस्यों के हालचाल पूछे। इसके बाद राष्ट्रपति ने बड़े भाई रामस्वरुप को रुद्राक्ष की माला भी भेंट की। 
सौम्यता और सभ्यता की प्रतिमूर्ति हो तुम
मुलाकात के दौरान भांजे रामशंकर ने राष्ट्रपति को स्व रचित एक कविता भी सुनाई। सौम्यताद और सभ्यता की प्रतिमूर्ति हो तुम, देश के सर्वोच्च पद पर राष्ट्रपति हो तुम। हर एक मानव तन मन आत्मा का मेल है, यूतो जगत गति भी अस्तित्व का खेल है। इतिहास निर्मित है शिखर पुरुषों के पौरुष से, इसी इतिहास के एक लेख की पंक्ति हो तुम.... ऐसे बोलों की कविता सुनकर राष्ट्रपति ने भांजे को बधाई देते हुए कहा कि तुम तो अच्छे कवि हो गए हो।
कानपुर-लखनऊ एक साथ आएंगे राष्ट्रपति
भांजे रामशंकर ने बताया कि उन्होंने अपने मामा से कानपुर आने के विषय में भी पूछा। इस पर उन्होंने ने कहा कि अभी फिलहाल कोई कार्यक्रम नही है। हां जब भी आऊंगा। एक ही दिन में लखनऊ कानपुर साथ ही आऊंगा।
तुम्हे तों कुछ देने की जरूरत नहीं
रामशंकर ने बताया कि जब राष्ट्रपति ने बड़े मामा को रुद्राक्ष की माला दी तो वह उन्हें देखने लगे। इस पर राष्ट्रपति ने मजाक करते हुए कहा कि तुम्हें तो कुछ देने की जरूरत नहीं है। दो दिन रुक लिए, खाना खा लिए बहुत है।
पिकॉक बिल्डिंग में रुके थे भांजे
भांजे रामशंकर ने बताया कि उन्हें राष्ट्रपति भवन की पिकॉक बिल्डिंग में रोका गया था। जहां उन्हें समयवत नाश्ता, खाना मिलता था। प्रवास के दौरान उन्होंने मुगल गार्डेन, अशोका हाल, लाइब्रेरी समेत अन्य स्थानों को देखा।


 

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