लोगों के लिए खतरे की घंटी बजा रही जर्जर सुपर मार्केट
कस्बे में करोड़ों रुपये की लागत से बनी सुपर मार्केट देख-रेख के अभाव में जर्जर होकर गिरने की कगार पर खड़ी है। इससे कभी बड़ा हादसा हो सकता है। मानकविहीन निर्माण सामग्री का प्रयोग होने से मार्के ट कुछ...
कस्बे में करोड़ों रुपये की लागत से बनी सुपर मार्केट देख-रेख के अभाव में जर्जर होकर गिरने की कगार पर खड़ी है। इससे कभी बड़ा हादसा हो सकता है। मानकविहीन निर्माण सामग्री का प्रयोग होने से मार्के ट कुछ वषार्ें में ही खंडहर हो रही है। इससे मार्केट का लोगों को लाभ नहीं मिला। सुपर मार्केट के आस-पास रहने वाले लोग दहशत में है। लोगों ने कई बार जर्जर मार्केट को गिराए के लिए उच्चाधिकारियों से मांग की,लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
युवाओं को रोजगार देने व कस्बे में व्यापार को नई दिशा देने के लिए करीब एक दशक पूर्व नगर पंचायत प्रशासन ने डूडा के सहयोग से सुपर मार्केट का निर्माण कराया था। बनाई गई सुपर मार्केट 10 वर्ष में ही खंडहर में तब्दील हो गई। हालात यह है कि मार्केट की दीवारें टेढ़ी होकर गिरने की कगार पर है। वही दीवारों का प्लास्टर उखड़ने के साथ ही छत भी कई जगह से दरक गई है। इससे सुपर मार्केट के आस पास रहने वाले दहशत मे जीवन गुजार रहे है। कस्बे के अजय कुमार, अमित कश्यप, विनय कुमार, प्रवीण, उमाशंकर दीक्षित, रवि शुक्ला, जीवन कश्यप, रामगोपाल, रवींद्र व राहुल दीक्षित आदि ने बताया कि संपूर्ण समाधान दिवस समेत डीएम व प्रदेश की सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत कर जर्जर मार्केट को गिराए जाने की मांग कर चुके है, लेकिन अभी तक कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ है। जबकि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने भी जांच के बाद उसे जर्जर करार दिया है। लोगों ने दोबारा डीएम को पत्र सौंप जर्जर सुपर मार्केट को गिरवाए जाने की मांग की है।