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वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली जल्द : डिप्टी सीएम

उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने रविवार को कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों को नए साल में संशोधित नियमावली का तोहफा मिलेगा। इससे वित्तविहीन शिक्षकों के जीवन में सुधार...

वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली जल्द : डिप्टी सीएम
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरSun, 31 Dec 2017 07:31 PM
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उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने रविवार को कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों को नए साल में संशोधित नियमावली का तोहफा मिलेगा। इससे वित्तविहीन शिक्षकों के जीवन में सुधार होगा और उन्हें उचित वेतन मिल सकेगा।आर्य कन्या इंटर कॉलेज में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि शिक्षामंत्री ने कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों की नियमावली तो बनाई गई, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। इसमें संशोधनों की जरूरत है। संशोधित नियमावली शीघ्र ही लागू कर दी जाएगी। वित्तविहीन शिक्षकों को जो मानदेय दिया गया जो कुछ प्रतिबंधों के साथ लागू किया गया था। हम ऐसा नहीं चाहते। हम वित्तविहीन शिक्षकों को अधिकार दिलाना चाहते हैं। हालांकि पूर्णकालिक शिक्षक के दर्जे पर खामोश रहे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े शिक्षक नेताओं के पास साधारण शिक्षक जाएगा तो समस्याएं हल हो जाएंगी। पेशेवर शिक्षक नेता के पास जाएगा तो वह कोर्ट आदि में फंसा देगा। नई पेंशन की विसंगतियां दूर करेंगे : शिक्षा मंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन को लागू करना फिलहाल आसान नहीं है। यह पूर्व सरकार ने लागू की है। नई पेंशन को लेकर शिक्षकों में कुछ भ्रम है, इसे दूर करने की जरूरत है। नई पेंशन की विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। समस्याओं को हल करने को सेल : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को हल करने के लिए एक विशेष सेल बनाया जा रहा है। यह सेल समय सीमा के अंतर्गत सभी समस्याओं का निस्तारण करेगी। इसमें शिक्षक सलाह भी दे सकेंगे। सॉफ्टवेयर आदि तैयार किया जा रहा है। खाली पदों को भरा जाएगा : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षकों के खाली पड़े 10 हजार पदों को जल्द भरा जाएगा। ये नियुक्तियां चयन आयोग के माध्यम से होगी। सभी विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार शिक्षा का बजट बढ़ेगा। रिटायर शिक्षकों का अनुभव लेंगे : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों में शिक्षकों की कोई रिटायरमेंट एज नहीं होती है। रिटायर शिक्षकों के अनुभवों का उपयोग किया जाएगा। जब तक नियुक्तियां नहीं होतीं तब तक 70 वर्ष की आयु तक मानदेय भुगतान के साथ रिटायर शिक्षकों को रखा जा सकता है। निजी स्कूलों पर लगाम : डॉ. शर्मा ने कहा की निजी विद्यालयों पर लगाम लगाई जाएगी। इसके लिए एक्ट तैयार हो रहा है। फीस तय करने में अब केवल विद्यालय की भूमिका नहीं रहेगी। फीस जितनी बढ़ेगी उसी अनुपात से शिक्षकों का वेतन भी बढ़ाना होगा। इस एक्ट के संदर्भ में 22 दिसंबर तक वेबसाइट के माध्यम से सलाह मांगी गई थी। अभी भी अगर शिक्षक सलाह देना चाहें तो वह सीधे शिक्षा निदेशक या वेबसाइट के माध्यम से भेज दें। इसके बाद एक्ट का प्रारूप फाइनल होगा। नकल रोकने को खुफिया की मदद : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नकलविहीन परीक्षा के लिए माफियाओं को रोकने के लिए पुलिस और खुफिया दोनों की मदद ली जाएगी। 200 मीटर की परिधि में न तो प्रबंधक रह सकेंगे और न कोई अन्य। इस बार 3500 सेंटर कम किए गए हैं। अगले सत्र में एक माह से कम समय में ही परीक्षाएं पूरी करा ली जाएंगी। एनसीईआरटी : डॉ. शर्मा ने कहा कि 200 दिन की पढ़ाई पूरी हो सके इसके लिए भी प्रयास हैं। एनसीईआरटी की किताबें अब पढ़ाई जाएंगी। निजी प्रकाशकों का इसे लेकर काफी दबाव है। वे नहीं चाहते कि छात्रों को अच्छी और सस्ती किताबें मिल सकें। मैं भी रहा अंशकालिक शिक्षक : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब शिक्षक की हाजिरी नहीं होती थी। उसके लिए रजिस्टर नहीं होता था। इसी सम्मान को देखकर मैं शिक्षक बना। हमने भी अंशकालिक शिक्षक होने का दर्द सहा है।पेंशन भीख नहीं, सेवा है : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष 46 वर्ष से अधिक विधान परिषद सदस्य ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि पेंशन शिक्षक का हक है, भीख नहीं। नए जिले बन गए, लेकिन इनके जीपीएफ खाते नहीं बदले। इससे आज तक इन शिक्षकों को भुगतान नहीं हो पा रहा है।शिक्षक की सेहत : 1956 के शिक्षक की दशा को जीवंत करते संजीबा के ‘शिक्षक की सेहत नाटक ने पुरानी यादों को ताजा कर दिया। इसमें शिक्षक बेहद जर्जर साइकिल से डॉक्टर को दिखाने आया। डॉक्टर ने मैनेजर मलेरिया, इंस्पेक्टर इन्फ्ल्युएंजा, डायरेक्ट डिप्थीरिया आदि रोग बताए। इसका इलाज माध्यमिक शिक्षक संघ की सदस्यता बताया। शिक्षामंत्री के सामने प्रदर्शन : पुरानी पेंशन बहाली के लिए अटेवा ने शिक्षामंत्री के सामने एक बैनर लेकर प्रदर्शन किया। इस पर संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने शिक्षकों को डाट लगाई तो शिक्षक चले गए। इन्होंने की शिरकत : महापौर प्रमिला पांडेय, स्नातक विधायक अरुण पाठक, विधायक महेश त्रिवेदी, विधायक नीलिमा कटियार, संघ के प्रांतीय महामंत्री इंद्रासन सिंह, विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी, शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी, विधायक हेम सिंह पुंडीर, विधायक जगवीर किशोर जैन, महेश चंद्र शर्मा, ठाकुर प्रसाद यादव, इंद्रासन यादव, रामेश्वर उपाध्याय पूर्व विधायक सुभाष शर्मा, प्रदेशीय मंत्री व संयोजक हेमराज सिंह गौर, जिला व मंडल अध्यक्ष आरसी यादव, जिला मंत्री प्रवीण कुमार दीक्षित, जिला उपाध्यक्ष मोहित मनोहर तिवारी, अनिल सचान, जितेंद्र प्रताप आदि उपस्थित थे। ये रहेंगे आंदोलन के मुद्दे तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण में एक निदेशक ने अधिनियम 2016 की धारा (8) की गलत व्याख्या कर दी। उन्हें इसका अधिकार भी नहीं था। इससे 150 शिक्षक विनियमित नहीं हो पाए। सरकार से बात हुई लेकिन अब तक कोई संशोधन नहीं आयावित्तविहीन शिक्षकों की सेवा शर्तों को तैयार कराना, यहां के अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक का दर्जा दिलाना, समान कार्य समान वेतन के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराना कम्प्यूटर और व्यावसायिक शिक्षकों के लिए पद सृजित कराना ताकि इन्हें मानदेय से छुटकारा मिले। मानदेय गुलामी की निशानी है। इलाज सबसे ज्यादा महंगा है। शिक्षकों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना। रिटायर शिक्षक को 70 वर्ष तक नौकरी लेकिन 50 वर्ष वाले को नौकरी से निकालने की नीयत भी गलत है। नए जिले बनने के बाद शिक्षकों के जीपीएफ ट्रांसफर नहीं हुए जिससे रिटायरमेंट के बाद शिक्षक भटक रहेकानपुर में हुई थी स्थापना: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की स्थापना 30, 31 दिसंबर 1956 और 01 जनवरी 1957 को फूल बाग के टाउन हॉल में हुई थी। इसी का 61 वां स्थापना दिवस रविवार को आर्य कन्या इंटर कॉलेज गोविंद नगर में मनाया गया।

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