पाकिस्तान से आए नागरिक से पुलिस ने कहा दस्तावेज दिखाओ
जूही थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित को जारी किया नोटिस

फर्जी दस्तावेज बनाकर भारतीय नागरिकता हासिल करने वाले परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद जूही पुलिस ने नोटिस जारी करके सारे दस्तावेज मांगे हैं। इधर, आरोपित परिवार शनिवार को सामने आया और खुद स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान से लांग टर्म वीजा पर भारत आ गया था। उसके बाद यहां पर भारतीय नागरिकता मिल गई थी। पुलिस के मुताबिक इस मामले में सारे दस्तावेजों को देखने के बाद विवेचना में शामिल किया जाएगा। कहीं पर धोखाधड़ी मिलती है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
बड़ा बाजार एम ब्लॉक किदवई नगर के आलोक कुमार ने एमआईजी बर्रा 2 निवासी आलम चन्द्र इसरानी, मुकेश चन्द्र इसरानी, चन्द्रलाल इसरानी व एक अज्ञात के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर जूही थाने में एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें उन पर आरोप लगाया गया कि वह मूल रूप से पाकिस्तानी नागरिक हैं और यहां पर फर्जी दस्तावेज बनवाकर भारत की नागरिकता हासिल कर ली है।
पाकिस्तान में जुल्म होता था
इस मामले में शनिवार को आलम चन्द्र इसरानी ने कहा कि पाकिस्तान में हमारे जैसे लोगों के साथ बहुत जुल्म हो रहा था। जिसके कारण सन 1992 में लांग टर्म वीजा पर दोनों बेटों के साथ यहां आ गए थे। यहां पर उन्होंने किराए पर एक घर लिया। सन 2013 में उन्हें भारत सरकार से नागरिकता मिल गई थी।
मकान मालिक से विवाद के कारण हो गया मुकदमा
आलमचन्द्र ने कहा कि वह पहले साकेत नगर में किराए पर रहे। यहां उन्होंने कॉपी किताब की दुकान खोली। फिर बर्रा दो निवासी राम स्वरूप के मकान में किराए पर आ गए थे। यहां पर वह पिछले तीस सालों से किराए पर रह रहे हैं। घर के बाहर बेकरी दुकान खोली है। मकान मालिक उनपर खाली करने का दबाव बना रहा है। मुकदमे का वादी उनका मिलने वाला है। इस कारण उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
दोनों बेटों की शादियां हो चुकी हैं
आलम चंद्र इसरानी के बेटों मुकेश और चंद्र लाल की शादी हो चुकी है। बड़े बेटे चंद्र लाल की शादी राजस्थान में हुई। जिनसे एक बेटा और बेटी हुई। बेटा मनीष अर्मापुर पीजी कॉलेज में पढ़ाई करता है। जबकि बेटी हेमा ने इसी वर्ष दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वहीं मुकेश की शादी पनकी में हुई। जिनका बेटा यश (6) और आराध्या (3) है।
कोट---
आरोपितों से उनके सारे दस्तावेज मांगे गए हैं। उन्हें शनिवार तक का समय दिया गया है। उनके जरिए जो भी दस्तावेज सामने आएंगे। उन्हें देखने और सत्यापित कराने के बाद आगे की कार्रवाई को लेकर निर्णय लिया जाएगा। -
आलोक सिंह, एसीपी बाबूपुरवा