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अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम के मदरसे भी खोलें : मौलाना अजमल

दारुल उलूम देवबंद की सलाहकार समिति के सदस्य और असम से सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने रविवार को कहा कि देश में उर्दू और अंग्रेजी मीडियम के मदरसों के साथ हिंदी माध्यम के मदरसे भी खोले जाएं। वह जमीअत...

अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम के मदरसे भी खोलें : मौलाना अजमल
वरिष्ठ संवाददाता,कानपुरSun, 23 Jul 2017 06:54 PM
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दारुल उलूम देवबंद की सलाहकार समिति के सदस्य और असम से सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने रविवार को कहा कि देश में उर्दू और अंग्रेजी मीडियम के मदरसों के साथ हिंदी माध्यम के मदरसे भी खोले जाएं। वह जमीअत उलमा के अंग्रेजी मीडियम के मदरसा हक एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन (हर्फ) के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। 
रागेन्द्र स्वरूप सभागार में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि दीक्षांत भाषण में उन्होंने कहा कि वे अब तक 32 बालक और 32 बालिकाओं के विद्यालय खोल चुके हैं। यह जद्दोजहेद जारी रहेगी। मदरसों का मकसद इस्लाम की शिक्षाओं को स्पष्ट रूप से सभी के सामने रखना है। 
माहौल बदल रहा
सांसद मौलाना अजमल ने कहा कि देश का माहौल बिगड़ रहा है। सांप्रदायिकता बढ़ती जा रही है जो अच्छी बात नहीं है। इस बदलती जहेनियत को रोकने की जरूरत है। इसके लिए हमें ऐसे पढ़े-लिखे लोग तैयार करने होंगे जो अंग्रेजी, उर्दू या हिंदी भाषा में अपना पक्ष रख सकें। पूरी दुनिया समझ रही है कि उसे इस्लाम और मुसलमान से खतरा है। यह अमेरिका और इजरायल की साजिश का हिस्सा है। हमें अपने मीडिया चैनल शुरू करने होंगे। साथ ही मदरसों का माध्यम हिंदी भी होना चाहिए। मदरसों में सिर्फ चार फीसदी बच्चे पढ़ रहे हैं। शेष 96 फीसदी के बारे में सोचने की जरूरत है। 
सरकारी मदरसों के हाल खराब
मौलाना अजमल ने कहा कि सरकारी मदरसों की हालत खस्ता है। सरकारें इनकी समस्याएं हल करने के बजाए इन्हें परेशान कर रही हैं। गाय के मुद्दे पर मुल्क में खौफ-ओ-हिरास का माहौल बनाया जा रहा है। सफर करमे में डर लगता है। इसे बंद होना चाहिए। 
अंग्रेमी माध्यम का विद्यालय खुलेगा:
हर्फ के चेयरमैन मौलाना मतीनुल हक ओसामा कासिमी ने कहा कि जल्द ही जमीअत शहर में अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय खोलेगी। आईएएस, पीसीएस, जेईई मेन्स और नीट के लिए कोचिंग सेंटर भी खोलेगा जहां नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। 
30 छात्रों को मिलें सर्टिफिकेट : हर्फ के दो वर्षीय अंग्रेजी डिप्लोमा कोर्स के 30 छात्रों को सनद (डिग्री) व पुरस्कार दिए गए। इस मौके पर जमीअत के सदर मौलाना अनवार अहमद जामई, मौलाना फरीदउद्दीन, मौलाना अब्दुल रशीद, मौलाना जावेद कासिमी और हाजी मुमताज आदि मौजूद थे। 
यूपी में सियासत नहीं करेंगे, लोकसभा में महागठबंधन के साथ
एआईडीएफ के सदर और सांसद व असम जमीअत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना बदरूद्दीन अजमल ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी की यूपी की राजनीति में कोई रुचि नहीं है। असदउद्दीन ओवैसी का नाम लिए बिना कहा कि जो यहां सियासत करने आए थे उनका हाल सभी को मालूम है।  मौलाना अजमल ने कहा कि असम में भाजपा की सरकार कांग्रेस की वजह से आई। कांग्रेस ही गठबंधन से हठती रही। असम में पिछली सरकार में सहयोगी रहे मौलाना अजमल ने कहा कि वह 2019 में महागठबंधन के साथ रहेंगे। 

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