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मेडिकल कॉलेज, कॉर्डियोलाजी व कैंसर संस्थान को मिलाकर कर बनाएंगे इंस्टीट्यूट

सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कार्डियोलॉजी व जेके कैंसर संस्थान को जोड़कर एक इंस्टीट्यूट बनाने पर सरकार विचार कर रही है। इंस्टीट्यूट बन जाने से पीजीआई और...

मेडिकल कॉलेज, कॉर्डियोलाजी व कैंसर संस्थान को मिलाकर कर बनाएंगे इंस्टीट्यूट
वरिष्ठ संवाददाता,कानपुरTue, 17 Sep 2019 12:58 AM
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सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कार्डियोलॉजी व जेके कैंसर संस्थान को जोड़कर एक इंस्टीट्यूट बनाने पर सरकार विचार कर रही है। इंस्टीट्यूट बन जाने से पीजीआई और एम्स की तर्ज पर यहां भी इलाज की सुविधाएं मिलने लगेंगी। सोमवार को मंत्री ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे के साथ मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। 


कैबिनेट मंत्री ने कहा कि संस्थान बनने से फैकेल्टी की कमी पूरी करने में कोई दुश्वारी नहीं होगी क्योंकि वेतन और भत्तों को लेकर मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों को कुछ आपत्ति है। संस्थान बनने से वेतन भत्तों और सुविधाओं में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि पीएमएसएसवाई के तहत बन रहे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में न्यूरोसाइंस भी एक अलग विभाग है, भविष्य में न्यूरोसाइंस और सुपर स्पेशियिलटी के न्यूरो विभाग को जोड़कर कुछ नया किया जाएगा। मंत्री सुरेश खन्ना ने डॉक्टरों को बेहतर सेवाएं देने और उच्च गुणवत्ता की पढ़ाई पर भी जोर दिया।
 

प्रदेश में 14 और मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, नए सत्र में आठ में पढ़ाई
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा है कि आने वाले वर्षों में प्रदेश में 14 और नए मेडिकल कॉलेज खुल जाएंगे। आठ मेडिकल कॉलेजों में काम तेजी से चल रहा है। जौनपुर मेडिकल कॉलेज प्राथमिकता पर है। मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस सीटों को बढ़ाए जाने के लिए संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे ताकि सुपर स्पेशयिलिस्ट डॉक्टरों के साथ मेडिकल कॉलेजों में बेहतर मेडिकल शिक्षक मिल सकें।


सुरेश खन्ना सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी और जेके कैंसर संस्थान का निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गुणवत्तापरक इलाज है जो मरीजों को उनके घर के आस-पास मिल सके। मेडिकल कॉलेज खुलने से दो चीजें पूरी होंगी एक तो लोगों को इलाज सुलभ मिल सकेगा दूसरे डॉक्टरों की कमी पूरी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 तक 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे। अब,सरकार 22 नए मेडिकल कॉलेजों पर होमवर्क कर रही है। जौनपुर मेडिकल कॉलेज को प्राथमिकता पर लिया गया है। एमडी-एमएस सीटों को बढ़ाए जाने को लेकर भी गम्भीरता से विचार कर रही है। कुछ नए मेडिकल कॉलेजों में इसे शुरू किया जा रहा है पुराने मेडिकल कॉलेजों में फैकेल्टी व संसाधन बढ़ाने की बात चल रही है। कॉलेज ऑडिटोरियम में अपने सम्बोधन में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को परोपकार की भावना से इलाज करने की अपील की।
 

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