एलटीटी का एसी बंद, उमस में उबले यात्री
उमसभरी गर्मी में ट्रेनों के एसी दगा देने का क्रम जारी है। मंगलवार को गोरखपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल (12541) जा रही एलटीटी एक्सप्रेस के कोचों में एसी सिस्टम बंद हो गया। सात घंटे से ज्यादा देरी से आई...
उमसभरी गर्मी में ट्रेनों के एसी दगा देने का क्रम जारी है। मंगलवार को गोरखपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल (12541) जा रही एलटीटी एक्सप्रेस के कोचों में एसी सिस्टम बंद हो गया। सात घंटे से ज्यादा देरी से आई ट्रेन में सवार यात्री बिलबिला गए। गर्मी में बेहाल लोग ट्रेन से सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर उतर आए और हंगामा व नारेबाजी शुरू कर दी। आरपीएफ, जीआरपी के साथ रेलवे अफसर मौके पर पहुंच गए और कोचों के एसी की बैटरियां चार्ज करा ट्रेन को रवाना किया। इस चक्कर में ट्रेन दो घंटे विलंब से जा सकी। इस दौरान यात्रियों ने तीन बार चेनपुलिंग भी की।
एलटीटी मंगलवार दोपहर 12:35 पर प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर आई। बी-1 और बी-3 डिब्बे की भीड़ ट्रेन के रुकते ही नीचे उतरी और हंगामा शुरू कर दिया। पांच मिनट बाद ट्रेन चलने लगी तो यात्रियों ने चेनपुलिंग कर रोक दी। जमकर नारेबाजी शुरू हो गई। सूचना पाकर आरपीएफ प्रभारी राजीव वर्मा, जीआरपी प्रभारी राममोहन राय, एसएस आरएनपी त्रिवेदी मौके पर गए। लाख प्रयास के बावजूद यात्री इस जिद पर अड़े थे कि पहले एसी प्लांट ठीक किया जाए, तभी ट्रेन चलने देंगे। अफसरों ने चार्जर प्वाइंट से सभी कूपों की बैटरियां चार्ज कराईं। इसके बाद ट्रेन को दोपहर लगभग 14:30 बजे रवाना किया गया। प्रारंभिक स्टेशन से ही तीन कोचों का एसी प्लांट बंद होने के मामले में जांच का आश्वासन दिया गया है। यह ट्रेन गोरखपुर से तीन घंटे लेट चली थी और कानपुर सेंट्रल पर लगभग सवा सात घंटे लेट आई।
बच्चे, महिलाओं का रहा हाल-बेहाल
एसी कोच में सफर करने वाले लगभग पौने तीन सौ यात्री 12 घंटे तक गर्मी और उमस से बेहाल रहे। बी-2 कूपे की सीट नंबर 9 पर दो बच्चों के साथ सफर करने वाली रामरती परिहार ने बताया कि एसी कोच भट्ठी सा बना था। लगा जैसे दम घुट रहा हो। बार-बार दरवाजे के पास लाकर खड़े हो जाते थे। लू के थपेड़ों से बच्चों को फिर अंदर ले जाती। लखनऊ से कानपुर तक कई बार ऐसा करना पड़ा।
बिना एसी सर्विस के चलाई ट्रेन, लखनऊ में दूसरे कूपे का डाल दिया लोड
रेल कर्मचारी यात्री सुविधाओं के प्रति कितना लापरवाह है, इसका प्रमाण एलटीटी एक्सप्रेस के कोचों का एसी प्लांट फेल होने की घटना से पता लग जाता है। प्लांट की सर्विस किए बगैर ट्रेन को गोरखपुर से रवाना कर दिया। तीन कूपों का एसी चलते ही बंद हो गया। इसके बाद ट्रेन लखनऊ पहुंची तो यात्रियों को शांत करने के लिए एक कोच के चल रहे एसी प्लांट पर दूसरे डिब्बों का लोड डाल दिया। लखनऊ से ट्रेन चलते ही अन्य कोचों का भी एसी फेल हो गया।