सिर्फ पुलिस की मौजूदगी भर में ही गांव में रहता लॉकडाउन
सिर्फ पुलिस की मौजूदगी भर में ही गांव में रहता लॉकडाउन
कोरोना के खिलाफ जंग में हमारे गांव भी लापरवाह बने हैं। लोग खुद से लॉकडाउन या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के बजाय गांव में आने वाली पुलिस का हूटर सुनकर घर के भीतर जाते हैं। बाकी समय गांव के लोग हर दिन की ही तरह अपने काम निपटा रहे हैं।
डेरापुर क्षेत्र का उरसान गांव कोरोना की जंग में लापरवाही दिखा रहे हैं। यहां के लोग लॉकडाउन के पालन में कस्बों में तो नहीं जा रहे, लेकिन गांव में वह सोशल डिस्टेंसिंग तक का पालन करने के लिए तैयार नहीं हैं। गांव के युवा दोपहर के वक्त चबूतरों पर एक साथ बैठे गपशप कर रहे थे। किसी भी आने जाने वाले लोगों को लेकर यहां कोई फर्क नहीं नजर आया। गांव के बच्चे भी झुंड में ही खेल रहे थे। गांव में लोग सुबह उठकर मवेशियों के लिए चारा पानी आदि का इंतजाम कर हमेशा की तरह खेतों में निकल रहे हैं। दिन में दो या तीन बार पुलिस गांव में गश्त करती है। इसमें पुलिस के हूटर की आवाज सुनते ही लोग घरों के भीतर घुस जाते हैं। पुलिस के जाते ही गांव का हाल फिर पहले जैसा ही हो जाता है। गांव में करीब 15 लोग जो बाहर थे लौटे हैं। बाहर से आने वालों की सूचना प्रधान ने प्रशासन को दी। स्वास्थ्य टीम पहुंची तो मामूली परीक्षण कर वापस आ गई। इन लोगों को होम क्वारंटाइन तक की सलाह नहीं दी गई है। अभी फसलें कटाई की हालत में पूरी तरह न आने के कारण किसानों को मजदूरों की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ रही है। गांव के लोग अब तक कोरोना को लेकर पूरी तरह बेफिक्र ही नजर आ रहे हैं।