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कानपुरः निर्जला एकादशी के व्रत रखने से मिलता है पुण्य

संस्कृति में निर्जला एकादशी का बड़ा महत्व है। इस बार यह 23 जून को पड़ रही है। इसे भीम एकादशी भी कहा जाता है। पुराण में इस एकादशी का बड़ा महत्व है। इसको करने से साल में होने वाली 26 एकादशी का पुण्य...

कानपुरः निर्जला एकादशी के व्रत रखने से मिलता है पुण्य
हिन्दुस्तान संवाद ,कानपुरSat, 16 Jun 2018 06:36 PM
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संस्कृति में निर्जला एकादशी का बड़ा महत्व है। इस बार यह 23 जून को पड़ रही है। इसे भीम एकादशी भी कहा जाता है। पुराण में इस एकादशी का बड़ा महत्व है। इसको करने से साल में होने वाली 26 एकादशी का पुण्य मिलता है। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा होती है। व्रत रखने के साथ ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: का 108 बार जप करने से अक्षय पुण्य मिलता है। 
ज्योतिषाचार्य सृष्टि द्विवेदी ने बताया कि साल में कम से कम 24 या अधिक 26 एकादशी होती हैं। सालभर की एकादशी में जो लोग व्रत नहीं रख पाते हैं अगर इस निर्जला एकादशी में रहते हैं तो उन सभी का पुण्य मिलता है। इसे लेकर एक कथा भी प्रचलित है कि द्वापर युग में कुंती, द्रौपदी और चारों पांडव पुत्र एकादशी का व्रत रखने में सक्षम थे। सिर्फ भीम ही व्रत नहीं रख पाते थे। उनको भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि तुम केवल इस निर्जला एकादशी का व्रत रखलो। सभी का पुण्य मिल जाएगा। ऐसे ही एक और कथा प्रचलित है कि भगवान श्री राम ने भी समुद्र में सेतु बनाने से पहले इस निर्जला एकादशी का व्रत रखा था। इससे उनका काम आसान हो गया था।
क्या दान करना चाहिए
ज्येष्ठ माह में पड़ने के कारण इस दिन लोग कन्याओं को सुराही, सत्तू के साथ शर्बत का दान करते हैं। अब लोग जूस के पैकेट के साथ कई अन्य चीजें भी दान करने लगे हैं।

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