धनुष भंग ही गूंजा जयश्रीराम, माता सीता ने पहनाई वरमाला
शुक्रवार रात रामलीला रंगमंच पर धनुष यज्ञ लीला का शानदार मंचन किया गया। इस दौरान भगवान श्रीराम ने धनुष तोड़ा तो माता सीता ने उनको वरमाला पहनाकर स्वयंवर रचाया।इधर, रावण वाणासुर तथा लक्षमण परशुराम...
शुक्रवार रात रामलीला रंगमंच पर धनुष यज्ञ लीला का शानदार मंचन किया गया। इस दौरान भगवान श्रीराम ने धनुष तोड़ा तो माता सीता ने उनको वरमाला पहनाकर स्वयंवर रचाया।इधर, रावण वाणासुर तथा लक्षमण परशुराम संवादों का दर्शकों ने खूब आनंद लिया । दूल्हे का स्वांग धरे बिदूषक और नाऊ कक्का की जोड़ी ने दर्शकों का अच्छा मनोरंजन कराया।
गल्ला व्यापारियों की संस्था धर्मादा रक्षिणी सभा दूवारा संचालित कोंच की ऐतिहासिक रामलीला के 168वें महोत्सव में शुक्रवार की रात ऑनलाइन धनुष यज्ञ लीला का मंचन रामलीला कलाकारों ने किया। लीला में रावण और वाणासुर के मध्य हुए गमार्गर्म संवादों तथा लक्षमण और परशुराम के बीच हुई तीखी नोंकझोंक का दर्शकों ने पूरा आनंद लिया। लीला में गुरू विश्वामित्र राम को धनुष तोड़ने और राजा जनक का संताप दूर करने लिए आदेशित करते है। गुरू की आज्ञा पाकर राम क्षणमात्र में धनुष भंग कर देते है। इसके बाद सखियों के साथ आकर सीता राम के गले में वरमाला डाल देतीं है। जनक की भूमिका रंगकर्मी रमेश तिवारी, विश्वामित्र केशव बबेले, परशुराम मुन्नालाल पटैरया, शंतानंद पवन दांतरे, रावण रूपेश सोनी, वाणासुर सूर्यदीप सोनी, ने अपनी भूमिका अदा की।