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सर्राफा एक करोड़ के सोने का नहीं दे पाया हिसाब

राज्यकर विभाग ने महोबा बाजार में एक सर्राफ की जेवरात दुकान पर छापा मारा, जहां पाए गए एक करोड़ के सोने-चांदी के जेवरात। जीएसटी चोरी की पुष्टि होने पर छापे की कार्रवाई के लिए उपायुक्त टीम गठित की गई और...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरWed, 7 Aug 2024 04:30 PM
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बांदा।राज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान इकाई ने महोबा बाजार में एक सर्राफ के आभूषणों की दुकान पर छापा मारा। दुकान में करीब एक करोड़ के सोने-चांदी के जेवरात मिले। सर्राफ उन जेवरात के संबंध में कोई बिल नहीं दिखा पाया। इस पर सर्राफ पर 11 लाख रुपये का जुर्माना किया गया। बांदा संभाग ज्वाइंट कमिश्नर (एसआईबी) संतोष कुमार वर्मा के मुताबिक, महोबा बाजार स्थित भारत कुमार शरद कुमार सर्राफ की ओर से कोई भी नकद कर जमा नहीं किया जा रहा था। इस पर रेकी कराई गई। जीएसटी चोरी की पुष्टि होने पर छापे की कार्रवाई के लिए उपायुक्त (एसआईबी) अवध कुमार पटेल और अनिल कुमार की टीम गठित की गई। टीम ने दो दिन पहले सर्राफ की आभूषण की दुकान में छापा मारा। घोषित बिक्री और मौके पर मौजूद स्टॉक में बड़ा अंतर मिला। करीब एक करोड़ रुपये के आभूषण की खरीद और बिक्री के बिल सरार्फ नहीं दिखा पाया। इस पर सर्राफ पर 11 लाख रुपये का जुर्माना किया गया, जोकि सरार्फ की ओर से जमा कर दिया गया। बताया कि छापा के दौरान सर्राफ के यहां करीब चार घंटा जांच-पड़ताल हुई थी।

बांदा से लोड की लकड़ी और बिल बांगरमऊ से लोड होने का दिखाया

बांदा। जनपद में चोरी छिपे कीमती पेड़ काटने और फिर लकड़ी का परिवहन हो रहा है। राज्यकर विभाग (एसआईबी) ने कानपुर नंबर ट्रक यूपी-78 जीटी 7452 पकड़ा। उसमें कीमती लकड़ियां लोड थीं। ट्रक के ड्राइवर से जब परिवहन के संबंध में कागजात मांगे तो उसने उन्नाव के बांगरमऊ मंडी का जनरेट बिल दिखाया। जबकि लकड़ी उसने जनपद से लोड की थी। ड्राइवर ने बताया कि लकड़ी बांगरमऊ ही जानी है। जीएसटी चोरी मिलने पर जुर्माना वसूलने के बाद ट्रक को छोड़ा गया।

अवैध सोने की बिक्री रिकार्ड में नहीं होती

सोने पर तीन प्रतिशत जीएसटी है। अवैध सोने का कारोबार करके तस्कर जीएसटी की चोरी तो करते ही हैं, अवैध सोने को भी खपाते हैं। इसकी खरीदारी और बिक्री रिकार्ड में नहीं होती। ऐसे में इसे खपाने में इन्हें खुद तो आर्थिक लाभ (बिना जीएसटी जमा किए) मिलता है और विभागों को राजस्व की क्षति पहुंचती है।

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