कैंट के लोगों सावधान! अगर आपके घर में दुकान है तो देना होगा 10 गुना टैक्स
कैंट क्षेत्र के भवन स्वामियों को तगड़ा झटका लगा है। घर में दुकान या कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना रखा है तो आपको 10 गुना टैक्स देना पड़ेगा। छावनी परिषद ने आठ साल बाद हाउस टैक्स बढ़ाने की तैयारी...
कैंट क्षेत्र के भवन स्वामियों को तगड़ा झटका लगा है। घर में दुकान या कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बना रखा है तो आपको 10 गुना टैक्स देना पड़ेगा। छावनी परिषद ने आठ साल बाद हाउस टैक्स बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।
कर निर्धारण के चल रहे सर्वे के तहत हाउस टैक्स चुकाने वाले करीब आठ हजार करदाताओं को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। एकाएक दस गुना तक बढ़ोतरी होने से लोगों के बीच खलबली मची है। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि कई सालों बाद टैक्स बढ़ोतरी सुविधाओं और उपयोग को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसके बावजूद किसी कोई आपत्ति है तो वह सीधे आकर सच्चाई बताए तो उसका टैक्स वाजिब कर दिया जाएगा।
कर निर्धारण का ये है मानक
- कारोबारी फुटपाथ से लेकर अन्य कितनी सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं
- नाली, सड़क, खडंजे का कितना प्रत्यक्ष उपयोग करते हैं
- मकान से कितनी आमदनी हो रही है
- खुला एरिया कितना कारोबारी यूज कर रहा है
- वर्ष 2011 से एक रुपए की हाउस टैक्स बढ़ोतरी नहीं हुई है।
रिहायशी मकान मालिकों पर 25 फीसदी की बढ़ोतरी
छावनी बोर्ड के अधिशाषी अधिकारी अरविंद द्विवेदी ने बताया कि वैसे तो कैंट में लगभग आठ हजार हाउस टैक्स करदाता हैं। इसमें से कोई पांच-छह कारोबारी यानी कामर्शियल भू-प्रयोग कर रहे हैं। इन लोगों पर कामर्शियल दर से हाउस टैक्स का निर्धारण हो रहा है। इसके अलावा रिहायशी मकानों पर 25 से 30 फीसदी कर की बढोतरी हो रही है और वह भी तीसरे सर्वे में। इसके पहले दो सर्वे में (वर्ष 2011 व 2014) हाउस टैक्स एक रुपए तक नहीं बढ़ाया गया।
आठ साल से नहीं हुआ है कर निर्धारण
छावनी बोर्ड के अफसरों ने बताया कि छावनी परिषद में हर तीन साल बाद हाउस टैक्स का निर्धारण होता है। वर्ष 2011 से 2014 और वर्ष 2014 से 2017 तक दो बार इलाके में हाउस टैक्स का निर्धारण नहीं हुआ। मौजूदा समय में वर्ष 2017 से 2020 का कर निर्धारण का सर्वे काम चल रहा है। इसी के तहत कर का निर्धारण भी शुरू कर दिया गया है। नोटिस के बाद भी जो लोग आपत्ति दाखिल करते हैं तो उस पर पुनर्विचार भी किया जाता है।
जनप्रतिनिधियों ने की पैरोकारी तो नगर निगम की तर्ज पर निर्धारण
छावनी बोर्ड के अफसरों ने बताया कि शहर के जनप्रतिनिधियों ने कर निर्धारण में आपत्ति जताई थी। साथ ही तर्क दिया था कि नगर निगम में हाउस टैक्स का निर्धारण कम रेट पर होता है। इसकी वजह से नगर निगम के फार्मूले के तहत ही छावनी में भी कर का निर्धारण किया जा रहा है। इसमें भी किसी को किसी तरह की आपत्ति है तो वह आफिस आकर प्रमाण सहित जवाब दे उसका दोबारा सर्वे करके कर का निर्धारण कर दिया जाएगा।
नोटिस अंतिम फैसला नहीं, दफ्तर आकर बताएं सच्चाई
छावनी इलाके में हाउस टैक्स के चल रहे सर्वे में जिन कारोबारियों या कामर्शियल जमीन का उपयोग करने वालों को जो नोटिसें दी गई हैं, वह कोई अंतिम फैसला नहीं होता है। इस बावत किसी को हाउस टैक्स अधिक लगता है तो वह सीधे दफ्तर आकर अपनी बात रखे। इसके बाद उसका दोबारा सर्वे करके जायज कर का निर्धारण कर दिया जाएगा।
अरविंद द्विवेदी, अधिशाषी अधिकारी, कानपुर कैंट
जनहित में नहीं है हाउस टैक्स का निर्धारण
छावनी बोर्ड के उपाध्यक्ष लखन ओमर ने हाउस टैक्स निर्धारण को जनहित के खिलाफ बताया। कहा कि एक साथ इतना कर बढ़ाना किसी कीमत पर सही नहीं है। इसके चलते सांसद सत्यदेव पचौरी को पूरे प्रकरण से अवगत कराया है। एक-दो दिनों में वह भी कुछ पैरोकारी करेंगे।