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थाने से भगाने पर लगाई फांसी, दोस्तों ने शराब पीने के लिए छीन लिए थे रुपए

काकादेव में युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घरवालों ने इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। आरोप है कि दोस्तों ने शराब पीने के लिए छीन लिए थे। थाने शिकायत करने गया तो उसे पुलिस ने भगा दिया था। इससे...

थाने से भगाने पर लगाई फांसी, दोस्तों ने शराब पीने के लिए छीन लिए थे रुपए
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरTue, 12 May 2020 07:15 PM
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काकादेव में युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घरवालों ने इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। आरोप है कि दोस्तों ने शराब पीने के लिए छीन लिए थे। थाने शिकायत करने गया तो उसे पुलिस ने भगा दिया था। इससे आहत होकर ऐसा कदम उठाया।

सर्वोदय नगर रेलपटरी निवासी अजय गौतम (20) पेंट फैक्ट्री में काम करता था। परिवार में बड़ा भाई पवन मां भानमती और तीन बहनें मालती, अनीता और लक्ष्मी हैं। बहन मालती ने बताया कि अजय पेंट फैक्ट्री में काम करता था। 4 मई को फंड का करीब 15 हजार रुपए निकालकर लाया था। आरोप है कि तभी मोहल्ले के आकाश सिंह, जितेश उसका भाई अनिकेत मिल गए और शराब पिलाने के लिए रुपए देने का दबाव बनाने लगे। इनकार करने पर आरोपितों के साथ जितेंद्र व अनिकेत के पिता अमरनाथ ने भी उसे पीटा और रुपए छीन लिए। आरोप है कि किसी तरह वह थाने पहुंचकर मामले की शिकायत करने गया तो पुलिसकर्मियों ने उसे भगा दिया। इधर, आरोपित पुलिस से शिकायत करने पर लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे थे। इससे वह काफी परेशान चल रहा था। सोमवार देर रात खाना खाने के बाद वह कमरे में सोने चला गया। मंगलवार सुबह काफी देर बाद भी उसके न जागने पर दरवाजा खटखटाया तो वह नहीं खुला। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो अजय का शव फंदे से लटकता मिला। यह देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मौके पर पहुंची काकादेव पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। मां भानमती ने आरोपितों के खिलाफ काकादेव थाने में तहरीर दी। काकादेव इंस्पेक्टर कौशल किशोर दीक्षित ने बताया कि मृतक के मां की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या दुष्प्रेरण में रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जा रही है। थाने से भगाए जाने की बात से इनकार किया।

पुलिस कार्रवाई करती तो बच जाती भाई की जान

अजय की मौत से तीनों बहनों, मां और बड़े भाई का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बहन मालती ने रोते हुए कहा कि अगर घटना वाले दिन ही पुलिस आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कर देती तो उसके भाई की जान बच जाती।

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