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नियमों का हुआ पालन पर पहले दिन कम रही बच्चों की उपस्थिति

करीब सात महीने बाद सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों के संचालन की अनुमति के बाद कालेज खुले। कोरोना संक्रमण को देख कालेजों की ओर से गाइड लाइन के तहत इंतजाम किए गए थे, लेकिन कालेज आने वाले...

करीब सात महीने बाद सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों के संचालन की अनुमति के बाद कालेज खुले। कोरोना संक्रमण को देख कालेजों की ओर से गाइड लाइन के तहत इंतजाम किए गए थे, लेकिन कालेज आने वाले...
1/ 2करीब सात महीने बाद सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों के संचालन की अनुमति के बाद कालेज खुले। कोरोना संक्रमण को देख कालेजों की ओर से गाइड लाइन के तहत इंतजाम किए गए थे, लेकिन कालेज आने वाले...
करीब सात महीने बाद सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों के संचालन की अनुमति के बाद कालेज खुले। कोरोना संक्रमण को देख कालेजों की ओर से गाइड लाइन के तहत इंतजाम किए गए थे, लेकिन कालेज आने वाले...
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हिन्दुस्तान टीम,कानपुरMon, 19 Oct 2020 11:23 PM
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करीब सात महीने बाद सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों के संचालन की अनुमति के बाद कालेज खुले। कोरोना संक्रमण को देख कालेजों की ओर से गाइड लाइन के तहत इंतजाम किए गए थे, लेकिन कालेज आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बेहद कम रही। कई जगह बिना अभिभावक की लिखित अनुमति के पहुंचे बच्चों को कालेज से वापस भी किया गया। डीआईओएस ने दर्जन भर स्कूलों का निरीक्षण करके इंतजाम परखे।

करीब सात महीने से बंद स्कूल कालेज खुलने पर बच्चों की भीड़ लगने की उम्मीद सिर्फ कयास साबित हुई। ग्रामींण इलाके के स्कूलों में तो इक्का दुक्का बच्चे ही पहुंचे। वहीं कस्बाई क्षेत्र में भी बच्चों की संख्या कम रही। अकबरपुर इंटर कालेज में गेट के पास ही बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ हाथ सेनेटाइज करने की व्यवस्था की गई थी। यहां भी संख्या खासी कम रही। दयानंद इंटर कालेज में पहले दिन बच्चे नहीं पहुंचे।

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