ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश कानपुरचित्रकूट हादसाः ट्रैक के नीचे की गीली मिट्टी तो नहीं बनी हादसे का कारण, VIDEO

चित्रकूट हादसाः ट्रैक के नीचे की गीली मिट्टी तो नहीं बनी हादसे का कारण, VIDEO

चित्रकूट के मानिकपुर जंक्शन स्टेशन में गोवा-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद शुरू हुए मरम्मत कार्य में ट्रैक के नीचे गीली मिट्टी मिली है। रेलवे अफसरों को आशंका है कि मिट्टी गीली...

मानिकपुर जंक्शन पर चल रहा तेजी से काम
1/ 5मानिकपुर जंक्शन पर चल रहा तेजी से काम
रेल ट्रैक किया जा रहा दुरुस्त
2/ 5रेल ट्रैक किया जा रहा दुरुस्त
तेजी से चल रहा मरम्मत का कार्य
3/ 5तेजी से चल रहा मरम्मत का कार्य
मंजर देख अहसास होता कितना भयावह था हादसा
4/ 5मंजर देख अहसास होता कितना भयावह था हादसा
कुछ इस तरह ट्रैक से हटायी गईं क्षतिग्रस्त बोगियां
5/ 5कुछ इस तरह ट्रैक से हटायी गईं क्षतिग्रस्त बोगियां
चित्रकूट। हिन्दुस्तान संवाद,कानपुरSat, 25 Nov 2017 01:59 PM
ऐप पर पढ़ें

चित्रकूट के मानिकपुर जंक्शन स्टेशन में गोवा-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद शुरू हुए मरम्मत कार्य में ट्रैक के नीचे गीली मिट्टी मिली है। रेलवे अफसरों को आशंका है कि मिट्टी गीली होने से ट्रेन गुजरते समय रेल ट्रैक नीचे-ऊपर हुआ होगा जिससे हादसा हुआ। रात भर मरम्मत का काम चलता रहा शनिवार सुबह काम और तेज हो गया। प्लेटफार्म नंबर दो पर पलटी बोगियों को हटाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। शनिवार दोपहर बाद तक भी दो बोगियां ट्रैक पर ही पलटी पड़ी हैं,  जिन्हें हटाने में रेलवे कर्मी लगे हैं। रेलवे अधिकारियों की मानें तो शनिवार देर रात तक क्षतिग्रस्त ट्रैक को सुधार लिया जाएगा। फिलहाल प्लेटफार्म तीन, चार व पांच से ट्रेनें गुजारी जा रही हैं।  

शनिवार को भी सीआरएस एसके पाण्डेय, डिप्टी सीआरएस बीएस यादव, मुख्य सुरक्षा आयुक्त उत्तर मध्य रेलवे एमपी सिंह व डीआरएम इलाहाबाद एसके पंकज मौके पर डटे रहे। ट्रैक में पलटी बोगियों को हटवाया दिया गया है। दोपहर तक दो बोगियों को छोड़कर सभी बोगियां ट्रैक के ऊपर से हटा ली गईं। टूटी व क्षतिग्रस्त पटरी की मरम्मत का काम तेजी से किया जा रहा है।

रेलवे अधिकारियों की टीम ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी भी कराई। घटना का एक कारण अभी साफ नहीं हो पाया है लेकिन रेल पटरी के नीचे जलभराव भी एक कारण माना जा रहा है। जिस जगह ट्रेन बेपटरी हुई वहां पर पानी का भराव अक्सर बना रहता है। प्लेटफार्म के पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने से यहां पानी भराता है। मरम्मत के समय भी पटरियों के नीचे से कीचड़ निकला। जलभराव के कारण ट्रेनों के आवागमन के समय पटरी काफी ऊपर नीचे होती थी जिससे यह जगह कमजोर होती गई। यहां मरम्मत कार्य में जुटे इंजीनियरों ने भी बताया कि ट्रैक के नीचे से गीली मिट्टी निकल रही है। हालांकि कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। 

डीआरएम एसके पंकज का कहना है कि केवल गीली मिट्टी हादसे का एक कारण नहीं हो सकती। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। हादसे के मुख्य कारणों की जांच के लिए रेलवे की तीन टीमें गठित हैं। घटना के सही कारण का पता लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देर शाम तक ट्रैक दुरुस्त कर रेल यातायात बहाल कर दिया जाएगा। 

दूसरे दिन भी यात्रियों में रहा खौफ

स्टेशन में मौजूद यात्रियों में हादसे का खौफ दूसरे दिन भी दिखा। रेलवे ट्रैक में बिखरी पड़ीं ट्रेन की बोगियां व क्षतिग्रस्त प्लेटफार्म देखकर ही हादसे की भयावहता का अंदाजा लग रहा है। काफी दूर तक पटरियां उखड़ी पड़ी हैं। रेल पटरी के छोटे बड़े पार्ट्स भी इधर उधर काफी मात्रा में बिखरे हैं। स्टेशन परिसर में मौजूद यात्री और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों रे  यात्री काफी सहमे रहे।  

मृतकों के शवों का हुआ पोस्टमार्टम

मानिकपुर रेल हादसे में मरे बिहार के दीपक पटेल व उसेक पुत्र गोलू के शव का पोस्टमार्टम शुक्रवार देर शाम ही करा दिया गया। उसके बाद परिजन शव को गांव ले गए। वहीं छपरा निवासी मनोज कुमार सिंह के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों का इंतजार किया जा रहा है। पोस्टमार्टम हाउस में डाक्टरों ने बताया कि मृतक मनोज के परिजन रास्ते में हैं। दोपहर बाद तीन बजे तक आने की बात हुई है। इसके बाद पोस्टमार्टम कर शव उन्हें सौंप दिया जाएगा।  

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें