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कानपुर में नोटबंदी के बाद 550 करोड़ रुपए बढ़ गया कैशलेस लेनदेन

नोटबंदी का सबसे जबर्दस्त असर ये पड़ा कि एक साल के अंदर डिजिटल यानी कैशलेस लेनदेन का आंकड़ा 550 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया। बैंकिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि इतने बड़े बदलाव के लिए पुराने ढर्रे पर काम...

कानपुर में नोटबंदी के बाद 550 करोड़ रुपए बढ़ गया कैशलेस लेनदेन
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरTue, 07 Nov 2017 11:11 PM
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नोटबंदी का सबसे जबर्दस्त असर ये पड़ा कि एक साल के अंदर डिजिटल यानी कैशलेस लेनदेन का आंकड़ा 550 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया। बैंकिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि इतने बड़े बदलाव के लिए पुराने ढर्रे पर काम करते तो कम से कम 20 साल लगते।

नोटबंदी से पहले कानपुर में पेटीएम, एटीएम कार्ड, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, मोबाइल वालेट, नेफ्ट, आरटीजीएस, इंटरनेट बैंकिंग और चेक से भुगतान करने वालों की संख्या बहुत कम थी। इसमें भी सबसे ज्यादा लेनदेन चेकों के माध्यम से होता था। नोटबंदी के बाद कैश का संकट गहराया तो लोगों ने कैशलेस इकोनॉमी की तरफ रुख किया। इसका असर ये है कि सालभर में कानपुर में डिजिटल लेनदेन आठ नवबंर से पहले की तुलना में 550 करोड़ से ज्यादा हुआ।

बैंकिंग सलाहकार हेमंत गुप्ता ने बताया कि बैंक उपभोक्ताओं द्वारा डिजिटल पेमेंट बढ़ा है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (नेफ्ट) में 60 प्रतिशत की बढ़त हुई है। प्रति लेनेदेन के हिसाब से भी नेफ्ट में 20 प्रतिशत की बढ़त हुई है। बीओबी के मुताबिक इंडियन मोबाइल पेमेंट सिस्टम में भी बढ़त देखने को मिली है। इसके तहत 24X7 के लेनेदेन की उपलब्धता और आकर्षक पेमेंट्स सिस्टम की वजह से इसमें अभी भी 125 प्रतिशत से अधिक की बढ़त देखने को मिल रही है। नोटबंदी के बाद प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों पर भुगतान तीन गुना बढ़ा है।

कार्ड स्वाइप भुगतान में बढ़ोतरी : 08 नवंबर, 2016 के बाद कार्ड स्वाइप कर भुगतान करने में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और सरकार की तरफ से लाए गए भीम मोबाइल ऐप का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ा है। वहीं क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में भी 45 प्रतिशत से अधिक की बढ़त देखी गई है।

रूपे का इस्तेमाल बढ़ा : लीड बैंक बीओबी के मुताबिक ई-कॉमर्स के लिए रूपे का इस्तेमाल बढ़ा है। इसके साथ ही ई-कॉमर्स पर किए जाने वाला खर्च भी दोगुना से अधिक बढ़ा है। रूपे भी वीजा और मास्टरकार्ड की ही तरह घरेलू कार्ड पेमेंट सिस्टम है।

मोबाइल वॉलेट लेन-देन में भी बढ़ोतरी : ई वालेट की रफ्तार आनेवाले दिनों में और तेज होगी। लाना 126 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए मूल्य के हिसाब से मोबाइल वॉलेट से लेनदेन 2022 तक 32,000 अरब रुपये पर पहुंच जाएगा। मोबाइल वॉलेट से लेनदेन की संख्या में हर साल 94 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है।

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