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फैटी लिवर वाले डायबिटीज रोगी खाने पर रखें कंट्रोल

फैटी लिवर, डायबिटीज रोगियों के लिए बड़ा खतरा है। 60 फीसदी डायबिटीज के रोगियों का लिवर फैटी है। अगर रोगी अपने खाने में एक हजार कैलोरी कम कर दें और थोड़ा व्यायाम करें तो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के...

फैटी लिवर वाले डायबिटीज रोगी खाने पर रखें कंट्रोल
वरिष्ठ संवाददाता,कानपुरMon, 12 Aug 2019 01:05 AM
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फैटी लिवर, डायबिटीज रोगियों के लिए बड़ा खतरा है। 60 फीसदी डायबिटीज के रोगियों का लिवर फैटी है। अगर रोगी अपने खाने में एक हजार कैलोरी कम कर दें और थोड़ा व्यायाम करें तो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के खतरे के साथ कैंसर से भी बच सकते हैं। यह बातें डॉ. वीके मिश्र ने कैंट में कानपुर डायबिटीज एसोसिएशन के संयोजन में आयोजित केडीएकॉन-2019 के दूसरे और अंतिम दिन कही। 


उन्होंने कहा कि फैटी लिवर और डायबिटीज दोनों मिलकर आपस में बड़ी बीमारी हैं। डायबिटीज रोगी फैटी लिवर को लेकर संवेदनशील होते हैं लगभग सभी को फैटी लिवर कभी न कभी होगा मगर जिन रोगियों को मोटापा, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राल भी हैं उन्हें यह बीमारी जल्दी घेरेगी ऐसे 60 फीसदी रोगी अभी रिपोर्ट किए जा रहे हैं। इन रोगियों को ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक और लिवर सिरोसिस होने का पूरा खतरा रहता है। ऐसे मरीजों को चाहिए कि वह अपने खाने में सीधे एक हजार कैलोरी कम कर दें। अगर 2500 कैलोरी ले रहे हैं तो 1500 कैलोरी कर दें। 40 मिनट व्यायाम करें दो तीन महीने में रिज्ल्ट दिखने लगेगा। डॉ. वीके मिश्र के मुताबिक विटामिन ई की अतिरिक्त डोज फायदा करती हैं। 10 प्रतिशत वजन घटाने का लक्ष्य होना चाहिए।

 

स्वीडन से आए डॉ. जीविंग चाई ने कहा कि इंसुलिन के कारक बीटा सेल के साथ अल्फा कोशिकाओं पर भी रिसर्च चल रहा है। ताकि यह देखा जा सके कि बीटा कोशिकाओं पर अल्फा सेल किस तरह का प्रभाव डाल रहे हैं या अल्फा सेल की भूमिका क्या है? इसके साथ ही देश विदेश से आए विशेषज्ञों ने अपना शोध प्रस्तुत किया। इससे पूर्व संगठन की अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी और कार्यक्रम के चेयरमैन डॉ. बृज मोहन ने आए डॉक्टरों का स्वागत किया। डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, डॉ. दीपक याज्ञनिक, डॉ. भास्कर गांगुली, डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने आए अतिथियों का परिचय दिया। 

मोटापे की सर्जरी से 92 फीसदी लोगों की डायबिटीज खत्म:पदमश्री दिल्ली के बैरियाट्रिक सर्जन डॉ. प्रदीप चौबे ने कहा कि देश में जितने भी डायबिटीज रोगी मिल रहे हैं उनमें 60 फीसदी को मोटापा है। जब तक वजन कम नहीं होगा तब तक इलाज कारगर नहीं होगा। सर्जरी डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान साबित हुई है। डॉ. चौबे के मुताबिक 20 वर्षों से वह बैरियाट्रिक सर्जरी कर रहे हैं 70 फीसदी मरीज फालोअप में हैं। इनमें 90 फीसदी डायबिटीज से पीड़ित थे। डायबिटीज खत्म हो गई। अगर कुछ मरीजों में है भी तो बेहद कम है। डॉ. शिवाकांत मिश्र ने कहा कि बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद दह से आठ किलो वजन कम होने लगता है। डायबिटीज रोग विशेषज्ञों को बताया कि ग्रेड-3 वाले मोटापा रोगियों को सर्जरी कराने की सलाह दे। उनके मन में इस सर्जरी को लेकर जो भी शंकाएं हैं वह दूर करने में मदद करें।


70 फीसदी पैर काटने के मामले डायबिटिक रोगी
आमतौर पर पैर काटने के जितने भी मामले आते हैं नमें 70 फीसदी मामले डायबिटीज रोगियों के हैं जिन्हें डायबिटिक फुट बीमारी हो गई थी। यह जानकारी डॉ. संजय रस्तोगी ने दी। उन्होंने कहा कि डायबिटिक फुट अनियंत्रित ब्लड शुगर से होती है। नसों में इसके असर से बीमारी पहचानी जा सकती है। 


14 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को थायराइड की बीमारी
 मेजर जनरल आरके मारवाह का कहना है कि 14 फीसदी गर्भवती महिलाओं को थायराइड कम होने की बीमारी मिल रही है। खून की जांच होती है तब पता चलता है वैसे इसका कोई लक्षण सामने नहीं आता है। डॉ. मारवाह का कहना है कि थायराइड की कमी की वजह से गर्भावस्था में डायबिटीज हो सकती है। प्री टर्म बच्चे हो सकते हैं। महिला प्री इक्लेम्शिया की चपेट में जा सकती है। उनके मुताबिक हर गर्भवती महिला की थायराइड की जांच करानी चाहिए। 

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