ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश कानपुरदो डॉक्टरों के भरोसे चल रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी

दो डॉक्टरों के भरोसे चल रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी

चिकित्सकों की कमी के कारण 30 शैयाओं वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हालत खराब चल रहे हैं। मरीजों की दिनोदिन भारी संख्या बढ़ने के कारण डॉक्टरों की कमी की वजह से रोगियों को इलाज के बिना वापस लौटना पड़...

दो डॉक्टरों के भरोसे चल रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरSun, 29 Jul 2018 11:08 PM
ऐप पर पढ़ें

चिकित्सकों की कमी के कारण 30 शैयाओं वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हालत खराब चल रहे हैं। मरीजों की दिनोदिन भारी संख्या बढ़ने के कारण डॉक्टरों की कमी की वजह से रोगियों को इलाज के बिना वापस लौटना पड़ रहा है।

सीएचसी कालपी में दो महीने के अंदर चार डॉक्टर बाहर चले गए हैं। मसलन चिकित्साधीक्षक डॉ. मुलायम सिंह का तबादला हैलट अस्पताल कानपुर के लिए हो चुका है। चिकित्साधिकारी डॉ. इंद्र बहादुर सिंह पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री करने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं। आयुष चिकित्सक डॉ. चंद्रशेखर सोमई चिकित्सालय में स्थानांतरित होकर चले गए हैं। महिला चिकित्सक डॉ. अल्पना साहू 5 जून से चिकित्सालय में नहीं आ रही है। फलस्वरुप अब सीएचसी मे मात्र डॉ सुंदर सिंह. डॉ. वी.के. पांडे तथा डॉ. उदय सिंह ही कालपी में शेष रह गए हैं। जिनमें डॉ. सुंदर सिंह अधीक्षक होने के कारण मरीजों के इलाज से ज्यादा विभागीय काम देखते हैं।

एक चिकित्सक रात में इमरजेंसी ड्यूटी में रहते हैं और दिन के वक्त मात्र एक चिकित्सक के भरोसे ओपीडी की सेवाएं चलती हैं। इधर बदलते मौसम के कारण मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है। चिकित्साधिकारी डॉ उदय सिंह अपनी पीड़ा के बारे में बताते हैं कि लगातार तीन दिनों से रात दिन इमरजेंसी ड्यूटी सहित दिन में भी ओपीडी की ड्यूटी करनी पड़ रही है। बीते दिनों मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अल्पना बरतारिया ने सीएचसी के निरीक्षण के दौरान बताया था कि जनपद में सरकारी डॉक्टरों की कमी चल रही है।

इसके बावजूद सप्ताह भर के अंदर कालपी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की नियुक्ति करा दी जाएगी। डॉक्टरों की कमी होने के कारण चिकित्सालय आने वाले तमाम रोगियों को इलाज के बिना वापस लौट कर प्राइवेट डॉक्टरों की शरण में जाना पड़ता है । चिकित्सकों की लगातार कमी के कारण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगने लगा है। कुछ भी हो इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें