बड़ी कर्बला में 18 बनी हाशिम के ताबूत निकाले, आंखें नम
कानपुर, वरिष्ठ संवाददाता। बड़ी कर्बला नवाबगंज में रविवार को 18 बनी हाशिम के ताबूत...
कानपुर, वरिष्ठ संवाददाता।
बड़ी कर्बला नवाबगंज में रविवार को 18 बनी हाशिम के ताबूत उठाए गए। यह मंजर देख अकीदतमंदों की आंखों से आंसू छलक आए। हजारों की तादाद में अकीदतमंद इसमें शिरकत करने आए थे। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना मेहंदी ने कहा कि मुसलमान इमाम हुसैन और उनकी कुर्बानी के मकसद को समझ लेते तो आज रुसवा न होते।
बड़ी कर्बला में सुबह से हजारों की तादाद में अकीदतमंद पहुंचने लगे। नगर के साथ आसपास के कई जनपदों और गांवों से भी लोग यहां पहुंचे। मौलाना शारिब अब्बास ने जब कर्बला की शहादत का मंजर पेश किया तो उसे सुनकर वहां मौजूद लोग रोने लगे। सिसकियों की आवाजें सुनाई देने लगीं। अंजुमन गुन्चा ए मज़लूमिया अयोध्या और अंजुमन अब्बासिया प्रयागराज ने नौहाख़्वानी और सीनाज़नी (मातम) की।
इसलिए उठाते हैं 18 बनी हाशिम के ताबूत
मौलाना कल्बे रुशैद ने कहा कि हाशिम, रसूले अकरम के दादा का नाम था। कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन के घराने के 18 लोगों की शहादत हुई। इसी की याद में 18 बनी हाशिम के ताबूत उठाए जाते हैं। यहां ऑल इंडिया शिया युवा यूनिट के चेयरमैन शहाब रिजवी, नायाब आलम, मोहम्मद रजा, जमील हुसैन, सआदत रिजवी, मोहम्मद जकी, दानिश रिजवी, शारिब अब्बास, अबुजर काजमी, नजर अब्बास रहे।
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