पाकिस्तान में जली पराली से कानपुर की हवा हो गई जहरीली
पाकिस्तान में पराली जलाने का असर धीरे-धीरे दिल्ली के बाद कानपुर में भी दिखने लगा है। रात का तापमान लगातार गिरता जा रहा है और मौसम विभाग के अनुसार इसमें गिरावट बनी रहेगी। ऐसे में सल्फर डाइऑक्साइड,...
पाकिस्तान में पराली जलाने का असर धीरे-धीरे दिल्ली के बाद कानपुर में भी दिखने लगा है। रात का तापमान लगातार गिरता जा रहा है और मौसम विभाग के अनुसार इसमें गिरावट बनी रहेगी। ऐसे में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है। रात में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। अगर एक्यूआई के ऐतबार से देखा जाए तो शहर का एक्यूआई रविवार को 202 था। इस माह के अंत तक इसके 300 या इससे अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह इस बार सर्दी की जल्दी दस्तक और दीपावली में होने वाली आतिशबाजी मानी जा रही है। धूल-धुएं के कणों का जो ट्रेंड दिख रहा है, वह आगे खतरनाक साबित होगा।
सुबह सल्फर डाइऑक्साइड का खतरा
सुबह एक से चार बजे तक हवा में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक बनी हुई है। इसके बाद दिन में यह सामान्य या इससे कुछ अधिक रहती है। रविवार को आधी रात के बाद 01 बजे इसकी मात्रा 174 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गई।
धूल के कण
धूल के कण (पीएम 2.5) की स्थिति रात में ज्यादा खराब हो रही है। रात एक बजे यह अपने अधिकतम 228 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पर पहुंच गया। सुबह 06 से शाम 06 बजे तक स्थिति ज्यादा खतरनाक नहीं दिखी। हवा और तेज धूप इसकी वजह हो सकती है।
ओजोन भी खतरनाक
ओजोन की मात्रा सुबह 08 बजे से बढ़ना शुरू होती है और दोपहर 03 बजे तक पीक पर रहती है। रविवार को दोपहर 12 बजे यह अपने चरम पर 92 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पर पहुंच गई।
दमघोटू हैं यह गैसें
नाइट्रस ऑक्साइड की मात्रा रात 06 से 09 बजे तक और फिर मध्य रात्रि से 02 बजे तक अपने पीक पर रह रही है। रात नौ बजे इसकी मात्रा 207 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पर पहुंच गई। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड भी इस समय तो पीक पर रहती ही हैं लेकिन अन्य समय भी नाइट्रस ऑक्साइड से अधिक बनी रहती है। शाम सात बजे इसकी मात्रा सर्वाधिक 175 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही।