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बिकरू कांड: संप्रेक्षण गृह की रिपोर्ट पर नाबालिग की जमानत खारिज

कानपुर। वरिष्ठ संवाददाता बिकरू कांड में नाबालिग की लड़ाई लड़ने के लिए बसपा...

बिकरू कांड: संप्रेक्षण गृह की रिपोर्ट पर नाबालिग की जमानत खारिज
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरTue, 27 Jul 2021 10:00 PM
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कानपुर। वरिष्ठ संवाददाता

बिकरू कांड में नाबालिग की लड़ाई लड़ने के लिए बसपा नेता से लेकर कई बड़े लोगों के नाम सामने आ चुके हैं मगर नाबालिग सम्प्रेक्षण गृह बाराबंकी में निरकुंश हो चुकी है। इस बाबत वहां की सहायक अधीक्षिका ने एक पत्र लिखकर उसे दूसरी बच्चा सेल में ट्रांसफर करने की मांग की थी। इसी पत्र और घटना में नाबालिग की भूमिका को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने उसकी जमानत खारिज कर दी थी।

सहायक अधीक्षिका कंचन त्यागी द्वारा लिखा गया किशोर न्याय बोर्ड को लिखा गया यह पत्र बुधवार को सार्वजनिक हो गया। जिसमें उन्होंने वेवर्ड (निरंकुश) शब्द का इस्तेमाल करते हुए लिखा था कि नाबालिग सम्प्रेक्षण गृह का माहौल खराब कर रही है। यह पत्र उन्होंने 23 अक्तूबर 2020 को लिखा था। पत्र में कहा गया है कि संस्था में 10 से 18 वर्ष की किशोरियां निरुद्ध हैं, जबकि वह शादीशुदा है। संस्था के दो कमरों में 48 किशोरियां रहती हैं। आरोपित के चाल-चलन पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया गया है कि वह धमकी देती है कि अपनी पहुंच की वजह से किसी भी किशोरी या संस्था से जुड़े व्यक्ति को उठवा सकती है। उच्च न्यायालय में इन्हीं दो बिन्दुओं पर नाबालिग की जमानत खारिज कर दी गई। जिसमें पहले घटना में उसकी भूमिका को कोर्ट ने देखा। दूसरा इस पत्र में लिखे गए वेवर्ड शब्द को आधार बनाया गया।

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