Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरAfter Hardoi now action on policemen Kanpur eight suspended including outpost incharge inquiry ordered against two insp

हरदोई के बाद अब कानपुर में पुलिसकर्मियों पर एक्शन, चौकी इंचार्ज समेत आठ सस्पेंड, दो इंस्पेक्टरों के खिलाफ जांच के आदेश

यूपी में लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई जारी है। हरदोई में सात सिपाहियों के बाद अब कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। पतारा कस्बे में विवादित जमीन पर बिना जांच और पुष्टि के वसूली की धारा में जेल भेजने पर चौकी इंचार्ज समेत आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।

हरदोई के बाद अब कानपुर में पुलिसकर्मियों पर एक्शन, चौकी इंचार्ज समेत आठ सस्पेंड, दो इंस्पेक्टरों के खिलाफ जांच के आदेश
Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तानThu, 8 Aug 2024 05:11 PM
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यूपी में लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई जारी है। हरदोई में सात सिपाहियों के बाद अब कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। पतारा कस्बे में विवादित जमीन पर बिना जांच और पुष्टि के वसूली की धारा में एक पक्ष के आठ लोगों को जेल भेजने में चौकी इंचार्ज समेत आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। पुलिस पर 70 हजार रुपये लेकर कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया गया था। इस मामले में इंस्पेक्टर घाटमपुर और एडीशनल इंस्पेक्टर पर भी जांच बैठा दी गई है।

पतारा निवासी रामलखन तिवारी ने बताया कि रायपुर रोड स्थित उनके प्लाट पर 24 जुलाई को केवड़िया के रहने वाले ओमप्रकाश यादव निर्माण करा रहे थे। निर्माण की सूचना पर वह प्लाट पर पहुंचे तो वहां पर मौजूद लोगों ने उन्हें लाठी-डंडा लेकर दौड़ा लिया। गाली-गलौज करते हुए बोले कि अगर प्लाट चाहिए तो 10 लाख रुपये दो वरना प्लाट भूल जाओ। रामलखन ने इसकी शिकायत पतारा पुलिस चौकी में की। पुलिस मौके पर पहुंची और ओमप्रकाश, अजीत, सतीश, राहुल सिंह निवासी शास्त्री नगर, पवन निवासी आवास विकास कल्याणपुर, निखिल कुशवाहा निवासी रावतपुर, परशुराम निवासी उदईपुर साढ़, संजीव कुशवाहा निवासी गनेश नगर गिरफ्तार कर अवैध वसूली की धारा में जेल भेज दिया।

एडीसीपी की जांच में खुली सच्चाई

जेल जाने वाले पक्ष ने डीसीपी साउथ रविन्द्र कुमार से मिलकर इस मामले से अवगत कराया। आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले उनसे 10 हजार रुपये लिए, बाद में दूसरे पक्ष से 70 हजार वसूले और बिना जांच के कार्रवाई कर दी। डीसीपी ने एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा को इसकी जांच सौंपी। जांच रिपोर्ट में पता चला कि दोनों पक्षों के बीच जमीन का विवाद है। पुलिस ने अवैध वसूली की धारा लगाई और बाद वरिष्ठ अधिकारी को गलत सूचना दी। इतना ही नहीं आरोपित पुलिसकर्मियों के पास अवैध वसूली के कोई सबूत नहीं थे। इसके बाद भी आठ लोगों को जेल भेज दिया।

यह हुए निलंबित

चौकी इंचार्ज पतारा एसआई जयवीर सिंह, पतारा बीट इंचार्ज संकित तौगड़, घाटमपुर में तैनात एसआई आशीष चौधरी, एसआई शिवशरण शर्मा, हेड कांस्टेबल प्रथम सिंह, सिपाही जितेन्द्र, कुबेर सिंह और पंकज सिंह को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा इंस्पेक्टर घाटमपुर प्रदीप सिंह और एडीशनल इंस्पेक्टर खुर्सीद अहमद के खिलाफ आदेश दिए गए हैं। जिस दिन यह घटना हुई इंस्पेक्टर ने अवकाश लिया हुआ था। ऐसा क्यों हुआ इसे लेकर भी जांच होगी।

विधायक ने की थी पुलिस कमिश्नर से बात

जेल गए आरोपित जमानत पर हैं। इस घटना पर घाटमपुर से विधायक सरोज कुरील ने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और डीसीपी साउथ रविन्द्र कुमार से बात की थी। विधायक के मुताबिक उन्होंने कमिश्नर से बात कर कहा था कि कार्रवाई न होने की दशा में वह मुख्यमंत्री को घटना से अवगत कराएंगी।

डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने बताया, अवैध वसूली की धारा में आठ लोगों को जेल भेजा गया। जबकि वसूली से जुड़े कोई सबूत नहीं थे। इस मामले में आठ पुलिसकर्मियों को निलम्बित किया गया है। एडीशनल इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर के खिलाफ प्रारम्भिक जांच के आदेश दिए गए हैं।

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