वीडीओ भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी पर कानपुर की एडीएम सस्पेंड, कई और पर गिर सकती है गाज
- वीडीओ भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी पर योगी सरकार ने ऐक्शन लिया है। कानपुर की एडीएम सस्पेंड कर दी गई हैं। इसके अलावा आयोग में तैनात कुछ अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी जल्द ही गाज गिर सकती है।
यूपी की योगी सरकार ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप में कानपुर की अपर जिला अधिकारी (भूमि अध्याप्ति )रिंकी जायसवाल को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा आयोग में तैनात कुछ अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी जल्द ही गाज गिर सकती है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी के 1953 पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2018 में विज्ञापन निकालते हुए इसकी परीक्षा कराई थी। गड़बड़ी के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई थी। एसआईटी ने जांच रिपोर्ट में आयोग की तत्कालीन उप सचिव रिंकी जायसवाल पर लापरवाही की बात कही है।
इसके आलावा उस समय तैनात दो अन्य पीसीएस अधिकारियों के ऊपर अनदेखी के आरोप के साथ कर्मियों के शामिल होने की बात कही है। नियुक्ति विभाग ने इस रिपोर्ट की आधार पर रिंकी जायसवाल को निलंबित कर दिया है। रिंकी जायसवाल मौजूदा समय कानपुर नगर में अपर जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही कुछ और अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।एसआईटी गठन के समय से ही माना जा रहा था कि भर्ती परीक्षा में लापरवाही बरती गई है।
एलयू प्रोफेसर के भ्रष्टाचार की जांच होगी
उधर, प्रदेश सरकार ने लखनऊ विश्वविद्यालय के अप्लाइड इकोनामिक्स विभाग के प्रो. बिमल जायसवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने उनके खिलाफ नान क्रीमीलेयर में नियुक्ति, केंद्र आवंटन में भ्रष्टाचार, शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं, अंकों के हेरफेर की जांच के आदेश दिए हैं। समिति को 15 दिन में जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपनी है। उनके खिलाफ लोकायुक्त ने भी जांच शुरू कर दी है। शासन से गठित जांच समिति में एलयू के कुलपति आलोक राय, उच्च शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव डीपी शाही, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ के कुलसचिव धीरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो. सुधीर कुमार सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।