कोरोना की जांच करने वाले ट्रू-नॉट मशीन जिला अस्पताल में इंस्टॉल कर दी गई। पहले दिन मशीन का ट्रायल पैथोलॉजिस्ट का सैंपल लेकर जांच की गई। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। पैथोलॉजिस्ट समेत छह लैब टैक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया गया। मशीन लगने के बाद कोरोना की जांच सिर्फ दो घंटे में मिल सकेगी। साथ ही मशीन के जरिए कोरोना के अलावा टीबी की जांच भी हो सकेगी।
कोरोना संक्रमित की जांच रिपोर्ट जल्दी मिल सके इसके लिए शासन की ओर से जिला अस्पताल को ट्रू-नॉट मशीन उपलब्ध करा दी गई है। मशीन को जिला क्षय रोग विभाग की टीम ने लखनऊ से लाकर अस्पताल प्रशासन को हैंडओवर कर दी। बुधवार को इंजीनियर ताशीश आलम ने मशीन को जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में मशीन को इंस्टॉल कर दिया। मशीन लगने के बाद पैथोलॉजिस्ट डॉ. आरडी यादव का सैंपल जांच के लिए मशीन में लगाया गया। इसके बाद इंजीनियर ने वहां मौजूद पैथोलॉजिस्ट डॉ. आरडी यादव, लैब टैक्नीशिनयन सुनील पाठक, अभिषेक, अवनीश, विपिन व अनुज कनौजिया को प्रशिक्षण दिया। सीएमएस डॉ. यूसी चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना लक्षण होने पर ही मशीन से जांच कराई जाएगी। इमरजेंसी होने पर जैसे सर्जरी व डिलेवरी के दौरान मरीज की जांच ट्रू-नॉट मशीन कराई जाएगी। बाकी कोरोना की जांच जैसे चल रही थी वैसे ही चलेगी।
ट्रू-नॉट मशीन से कोरोना के साथ टीबी की भी होगी जांच
ट्रू-नॉट मशीन की मदद से न केवल कोविड-19 संक्रमण की जांच की जा सकेगी। बल्कि टीबी की जांच भी इस मशीन से होगी। टीबी की जांच के लिए अब तक स्वास्थ्य विभाग के पास सीबीनट मशीन थी। ट्रू-नॉट मशीन से प्राप्त कोविड-19 संक्रमण की रिपोर्ट को प्रतिदिन प्रदेश पोर्टल और आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। जबकि क्षय रोग की रिपोर्ट जिला क्षय रोग अधिकारी को भेजी जाएगी।
एक दिन में 24 सैंपलों की होगी जांच
ट्रू-नॉट मशीन से एक बार में दो और एक दिन में 24 सैंपल की जांच होगी। मशीन से स्वास्थ्य विभाग की काफी हद तक मुश्किलें कम होगी। महज दो घंटे में रिपोर्ट मरीज के हाथ में होगी। अब रिपोर्ट के लिए कोरोना संक्रमित को दो दिन तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।