जो नहीं लेने जाते थे, लॉकडाउन में उनको भी राशन की दरकार
बुधवार से जिलेभर के कोटेदारों के यहां से राशन वितरण का समय शुरू हो गया। अधिकतर दुकानों पर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलीं। जो लोग महीनों में भी उचित दर विक्रेताओं के यहां नहीं पहुंचते थे, वह भी...

बुधवार से जिलेभर के कोटेदारों के यहां से राशन वितरण का समय शुरू हो गया। अधिकतर दुकानों पर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलीं। जो लोग महीनों में भी उचित दर विक्रेताओं के यहां नहीं पहुंचते थे, वह भी लॉकडाउन की वजह से लाइन में लगकर अनाज लेने पहुंचे।
पहली अप्रैल से अन्त्योदय परिवारों को 35 किलो राशन (15 किलो चावल व 20 किलो गेहूं) प्रतिकार्ड के हिसाब से बांटने के आदेश दिए गए थे। इसका भुगतान डीएम की ओर से उचित दर विक्रेताओं के खातों में वितरण की पुष्टि होने पर किया जाएगा। एक परिवार को 85 रुपए का राशन देने का जिक्र भी है। आदेश में मनरेगा जॉबकार्ड धारक, श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिक, नगर निकाय में पंजीकृत मजदूर जिनके पास पात्र गृहस्थी का कार्ड है, उनको दो किलो चावल व तीन किलो गेहूं कुल पांच किलो राशन प्रति यूनिट की दर से फ्री में देने का जिक्र है। 12 रुपए प्रति यूनिट का मूल्य है, लेकिन दिहाड़ी मजदूर, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक व मनरेगा जॉबकार्ड धारक को फ्री में राशन देने का फरमान जारी हुआ था, जिसका पालन देखने को नहीं मिला। इसके लिए नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन बहुत कम ही जगह अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए नोडल पहुंचे।
मौसमपुर अल्हड़ का नजारा
नगर पालिका परिषद कन्नौज क्षेत्र के मोहल्ला मौसमपुर अल्हड में बुधवार को सुबह 11:18 बजे लोग राशन लेने के लिए कतार में लगे थे। यहां राशन बंट रहा था। सैनेटाइजर भी रखा था। करीब 70-80 लोगों की भीड़ थी।
कचहरी टोला में लगी लंबी लाइन
शहर के मोहल्ला कचहरी टोला की उचित दर विक्रेता की दुकान पर सुबह 11:40 बजे भीड़ को देखते हुए पुलिस भी तैनात थी। राशन लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनें थीं। ई-पॉस से अंगूठा लगवाकर राशन दिया जा रहा था।
हाजीगंज में पहले हाथ धोओ फिर लो राशन
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए शहर के अंदरी क्षेत्र स्थित उचित दर विक्रेता हाजीगंज में कार्डधारकों के लिए हैंडवाश व साबुन रखा था। सुबह 11:50 बजे आस-पास के लोगों को एक-एक महीने का राशन मिला।
सफदरगंज में धूप से बचने को लाइन में रखा थैला
बुधवार को शहर के मोहल्ला सफदरगंज में सुबह 11:53 बजे मार्ग पर कुछ लोग खड़े थे। अधिकतर लोगों ने अपने-अपने झोले लाइन में रख दिए थे। धूप की वजह से महिलाएं व पुरुष छांव में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
राशन लेने निकल पड़े घरों से लोग, सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ध्यान
छिबरामऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान जैसे ही राशन वितरण शुरू हुआ तो कार्डधारकों की लाइनें लग गई। हालांकि इस दौरान कोटेदारों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया। जिसके चलते राशन की दुकान के बाहर कार्ड धारकों की लंबी लाइनें दिखाई दे रही थी। पिछले दिनों से लॉक डाउन का पालन करते हुए घर में रह रहे लोग एक अप्रैल को घरों से राशन लेने के लिए निकल पड़े। हालत यह थी कि राशन की दुकानें नहीं खुल पाई थी। उससे पहले ही दुकान के बाहर कार्डधारकों की लंबी लाइनें लग चुकी थी। लोगों के अंदर कोरोना वायरस को लेकर इस कदर खौफ था कि बिना किसी दबाव के कार्डधारकों ने स्वयं ही सोशल डस्टिेंसिंग का पालन करते हुए जो लाइन लगाई, उसमें एक दूसरे से परस्पर दूरी बनाए रखी।
फ्री राशन को लेकर कई जगह हुई नोकझोंक
छिबरामऊ। कई जगह तो कोटेदारों को राशन कार्डधारकों से तीखी नोकझोंक हो गई। कार्डधारकों का कहना था कि उन्हें सरकार ने तीन महीने तक निशुल्क राशन देने की घोषणा की है। हालांकि कोटेदार उन्हें काफी समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन लोग अपनी जिद पर अड़े थे। काफी समझाने के बाद लोग मानने को तैयार हुए।
घटतौली की भी मिली शिकायतें
छिबरामऊ। राशन वितरण के दौरान उमड़ी भीड़ का कई कोटेदारों ने फायदा भी उठाया। इस दौरान कई कोटेदारों ने कार्डधारकों को निर्धारित वजन से कम राशन तौला, इसको लेकर कई जगह झड़पें भी हुईं।
नोडल अधिकारी ने किया निरीक्षण
छिबरामऊ। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र कुमार को राशन वितरण व्यवस्था का नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा शहर की सभी 18 राशन दुकानों पर एक-एक अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिसकी देख-रेख में राशन वितरण किया जा रहा है। ईओ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने शहर की सभी राशन दुकानों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-नर्दिेश दिए। राशन वितरण के दौरान सभी जगह सोशल डस्टिेंसिंग का पालन किया जा रहा है।
क्या बोले डीएसओ
डीएसओ केके गुप्त ने बताया कि सरकार ने जो फ्री में राशन देने की बात कही है, वह आगे मिलेगा। सरकारी रेट में खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। पांच कैटेगरी को ही निशुल्क मिलेगा, इसमें ग्रामीण और नगरी क्षेत्र के अन्त्योदय श्रेणी के लोग, मनरेगा जॉब कार्डधारक, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक व दिहाड़ी मजदूर शामिल हैं।
कुछ जरूरी तथ्य
-2.95 लाख राशनकार्ड पात्र गृहस्थी के हैं।
-29430 अन्त्योदय श्रेणी के परिवार हैं।
-14407 निर्माण श्रमिक हैं।
-84152 मनरेगा जॉबकार्ड धारक हैं।
-1918 नगर निकाय में पंजीकृत दिहाड़ी मजदूर हैं।
