जान हथेली पर रख बस का सफर कर रहे छात्र-छात्राएं
संक्षेप: Kannauj News - तालग्राम क्षेत्र में ताहपुर और तालग्राम के मार्गों पर चलने वाली निजी बसों में सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हो रहा है। छात्रों को क्षमता से दोगुने यात्रियों के साथ सफर करना पड़ता है, जिससे उनकी जान को...

तालग्राम, संवाददाता। क्षेत्र के ताहपुर और तालग्राम के मार्गों पर चलने वाली निजी बसों में सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। स्कूली और कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं रोजाना अपनी जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर हैं। बसों में क्षमता से दोगुने यात्री ठूंसे जाते हैं। कई छात्र बस की छत या दरवाजे पर लटककर सफर करते दिखाई देते हैं। स्कूल जाने और आने के समय स्थिति सबसे भयावह हो जाती है। अभिभावक रोजाना अपने बच्चों को विदा करते हुए दहशत में रहते हैं कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि परिवहन विभाग और पुलिस की लापरवाही के कारण यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।
हर दिन लगता है जैसे आखिरी सफर हो तालग्राम के बृजभूषण भारतीय इंटर कॉलेज के छात्र अमित कुमार ने बताया कि बस में पैर रखने की जगह नहीं होती। कई बार बस का दरवाजा खुला रहता है और हमें लटककर सफर करना पड़ता है। डर लगता है कि कहीं पैर फिसल गया तो क्या होगा। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद अधिकारी केवल आश्वासन देकर चुप बैठ जाते हैं। बसों की फिटनेस, ओवरलोडिंग और ड्राइवरों की लापरवाही पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। अभिभावक कर रहे सख्त कार्रवाई की मांग अभिभावकों ने प्रशासन से अपील की है कि स्कूल-कॉलेज के समय विशेष बसें चलाई जाएं और ओवरलोड बसों पर तुरंत रोक लगाई जाए। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो कोई बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है।

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