ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश कन्नौजगर्भवती महिला की हालत बिगड़ी, नहीं किया भर्ती

गर्भवती महिला की हालत बिगड़ी, नहीं किया भर्ती

रविवार को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंची गर्भवती महिला को दर-दर भटकना पड़ा। महिला को इमरजेंसी से लेकर महिला वार्ड तक कोई डाक्टर नहीं मिला। अस्पताल स्टाफ ने महिला से कहा कि रविवार होने के कारण कोई...

गर्भवती महिला की हालत बिगड़ी, नहीं किया भर्ती
हिन्दुस्तान टीम,कन्नौजSun, 22 Apr 2018 10:05 PM
ऐप पर पढ़ें

रविवार को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंची गर्भवती महिला को दर-दर भटकना पड़ा। महिला को इमरजेंसी से लेकर महिला वार्ड तक कोई डाक्टर नहीं मिला। अस्पताल स्टाफ ने महिला से कहा कि रविवार होने के कारण कोई डाक्टर नहीं बैठता है। तुम कल दिखाने आना। यह बात सुनकर गर्भवती महिला और उसके परिजन मायूस हो गए। इमरजेंसी कक्ष के बाहर जमीन पर महिला लेट डॉक्टर के आने का इंततार करती रही,और साथ आए परिजन महिला डाक्टर को खोजते रहे।

अगर किसी महिला की तबियत रविवार को खराब हो जाए तो वह जिला अस्पताल न जाए। एक ऐसा ही मामला रविवार को जिला अस्पताल में देखने को मिला है। चौराचांदपुर निवासी सीमा पत्नी जागेश्वर प्रसाद अपनी पत्नी को जिला अस्पताल डाक्टर को दिखाने आए हुए थे। सीमा को नौ माह का गर्भ भी है और डाक्टरों ने जल्द डिलेवरी होने की बात भी कही थी। रविवार को सीमा नाक से खून गिरने से परेशान होकर जिला अस्पताल आई हुई थी। खून इस कदर वह रहा था कि कई कपडे खून से लथपथ हो चुके थे। जागेश्वर जब पत्नी को लेकर इमरजेन्सी में रूम में पहुंचा तो उसने पूछा कि डाक्टर साहब कहा मिलेंगे। वहां तैनात स्टाफ ने साफ शब्दों में कह दिया कि आज रविवार को डाक्टर नहीं बैठते हैं। सोमवार को दिखाने आना। यह बात सुन महिला मायूस हो गई। महिला की नाक से खून बन्द होने का नाम ही नहीं ले रहा था। उसके बाद पति जागेश्वर ने पत्नी को अस्पताल गेट के पास जमीन पर लिटाकर डाक्टर के आने का इन्तजार करने लगा।

रविवार को नहीं है डाक्टरों का रोस्टर

जिला अस्पताल के महिला वार्ड में लगी ड्यूटी सूची से महिला डाक्टर का नाम गायब है। सूची के मुताबिक रविवार को महिला डाक्टर किसी भी मरीज को नहीं देखती है। क्योकि अस्पताल प्रशासन की ओर से चस्पा ड्यूटी सूची में रविवार का दिन ही गायब है।

अस्पताल में तैनात है चार महिला डाक्टर

ऊजला अस्पताल में महिलाओं कोबेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए शासन द्वारा चार डाक्टरोंकी तैनाती की गई है। पर दो डाक्टर छुट्टी पर है और बची दो महिला डाक्टर आन काल बुलाई जाती हैं। इसकेबाद भी महिलाओं को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।

जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर आरपी शाक्य से इलाज के लिए भटक रही गर्भवती महिला के मामले में पूछा गया तो वह बोले-कि महिला से जुड़े मामले की जानकारी नहीं है। बताया कि रविवार के दिन किसी भी डाक्टर की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है। जब कोई सीरियस मरीज आता है तो महिला डाक्टर को फोन काल कर बुला लिया जाता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें