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तीन साल से नहीं मिला मानदेय, रोजगार सेवकों का सामूहिक इस्तीफा

तीन साल से मानदेय न मिलने व उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 27 रोजगार सेवकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। सभी रोजगार सेवक ब्लॉक जलालाबाद क्षेत्र में काम करने वाले हैं। इन्होंने बीडीओ पर भी सवाल उठाए...

तीन साल से नहीं मिला मानदेय, रोजगार सेवकों का सामूहिक इस्तीफा
हिन्दुस्तान टीम,कन्नौजMon, 02 Mar 2020 06:45 PM
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तीन साल से मानदेय न मिलने व उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 27 रोजगार सेवकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। सभी रोजगार सेवक ब्लॉक जलालाबाद क्षेत्र में काम करने वाले हैं। इन्होंने बीडीओ पर भी सवाल उठाए हैं।

सोमवार को ब्लॉक जलालाबाद क्षेत्र के कई रोजगार सेवक कलक्ट्रेट पहुंचे। डीएम राकेश मिश्र के दूसरे कार्यक्रम में होने की वजह से रोजगार सेवक एडीएम गजेंद्र कुमार से मिले। बताया कि वर्ष 2016 में सपा सरकार के दौरान रोजगार सेवकोंकी भर्ती हुई थी। मनरेगा के विकास कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए तैनाती की गई थी। छह हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने की बात तय थी। रोजगार सेवकों का कहना है कि पहले साल तो मानेदय मिला, लेकिन वर्ष 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद वादाखिलाफी शुरू हो गई।

आरोप है कि जब बीडीओ से मानदेय कीमांग हुई तो भ्रष्टाचार के अरोप में हटाने की धमकी दी गई। उत्पीड़न व मानदेय न मिलने की बात कहते हुए ब्लॉक क्षेत्र के 27 रोजगार सेवकों ने सामूहिक इस्तीफा का पत्र डीएम को सम्बोधित एडीएम को सौंपा। रोजगार सेवक रामू का कहना है कि तीन साल से सभी रोजगार सेवक परेशान हैं। बिना मानदेय के आखिर कब तक काम करें।

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