गांव में मनरेगा के तहत कार्य तेजी से होने लगे हैं। मजदूरों को काम भी मिलने लगा है। दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों को भी ग्राम पंचायतों में तालाब, सड़क, पटरी, नाली आदि की खुदाई में जुट गए हैं। सोमवार को विभाग ने जिले में तालाब की खुदाई करने का बड़ा काम शुरू करने का दावा भी किया।
प्रवासियों को रोजगार देना बड़ी चुनौती है। जनपद में बड़ी फैक्ट्रियां, कारखाना आदि का अभाव होने से मनरेगा की रोजगार का मुख्य विकल्प है। गांव में हर व्यक्ति के पास इतनी पूंजी नहीं होती है कि वह अपने रुपए से रोजगार शुरू कर सके। इसलिए मजदूरी करने लगता है। विभाग का दावा है कि इन दिनों जिले में मनरेगा के तहत जॉबकार्डधारकों की संख्या के मुकाबले 60 फीसदी मजदूरों को कार्य मिल गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जून को हर जिलों में मनरेगा के तहत बड़ा काम शुरू करने की बात कही थी। विभाग के मुताबिक सोमवार को तालाब की खुदाई के रूप में बड़ा काम शुरू किया गया।
मनरेगा के कुछ जरूरी तथ्य
-48056 मजदूर मनरेगा के तहत कार्य कर रहा है।
-7849 प्रवासियों को पंचायतों में कार्य मिला है।
-54 करोड़ रुपए के बजट से सालभर काम होंगे।
-504 के सापेक्ष 503 ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहे।
-967 कार्य जनपद में चल रहे हैं।
इन विभागों में भी होंगे मनरेगा के कार्य
-548 करोड़ के करीब से पीडब्ल्यूडी के 308 कार्यों को मंजूरी मिल गई है।
-60 लाख के बजट के सिंचाई विभाग के काम होंगे।
-30 लाख रुपए तक उद्यान विभाग कराएगा कार्य।
-3.21 लाख के बजट की नलकूप विभाग को मिली मंजूरी।
-201 रुपए मनरेगा में एक दिन की मजदूरी है।