बिक्री के अभाव में प्लास्टिक के फूलों की उड़ी रंगत
सौरिख। लॉकडाउन कई परिवारों के लिए मुसीबत बन गया है। यहां गैरजनपदों से आकर रेडीमेड प्लास्टिक के फूलों के गुलदस्तों का व्यापार कर परिवार पालने वाले लोग लॉकडाउन के चलते अब भुखमरी की कगार पर पहुंच गए...
सौरिख। लॉकडाउन कई परिवारों के लिए मुसीबत बन गया है। यहां गैरजनपदों से आकर रेडीमेड प्लास्टिक के फूलों के गुलदस्तों का व्यापार कर परिवार पालने वाले लोग लॉकडाउन के चलते अब भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।लखीमपुर खीरी जनपद के बेहटी गांव के रहने वाले आजम, इमरान व आतिफ परिवार के साथ प्लास्टिक के फूलों के गुलदस्ते बनाकर क्षेत्र में बिक्री करते हैं। 25 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने से इनका व्यापार भी ठप हो गया। ऐसे में इनके पास जो जमा पूंजी थी, वह भी खत्म हो गई। अब इन लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है। गुलदस्ता बेचने निकली जरीना ने बताया कि बिक्री हो नहीं रही। परिवार को भूखे रहना पड़ता है। मदद मिल गई, तो चूल्हा जल जाता है। नहीं तो भूखे ही रहना पड़ता है।