सफाई के लिए पहल की झाडू चली
स्वच्छता अभियान को लेकर सरकारी अमले की सक्रियता एक दायरे तक ही सिमट कर रह गई है। अगर आप घर के बाहर निकले तो कई ऐसी जगह मिल जाएगीं जहां कूड़ों के ढेर और गंन्दगी का बोलबाला होगा। इसके बावजूद...
स्वच्छता अभियान को लेकर सरकारी अमले की सक्रियता एक दायरे तक ही सिमट कर रह गई है। अगर आप घर के बाहर निकले तो कई ऐसी जगह मिल जाएगीं जहां कूड़ों के ढेर और गंन्दगी का बोलबाला होगा। इसके बावजूद जिम्मेदारों की नजरों से गंदगी ओझल है। इत्रनगरी का मुख्य मार्ग, गांव या फिर शहर की कोई ऐसी गली नहीं है, जहां पर गन्दगी का अम्बार न हो। इससे निश्चित तौर पर स्वच्छता अभियान की सार्थकता सिद्घ नहीं हो पा रही है।
इत्रनगरी को चमकाने का वीणा उठाने वाला पहल फाउंडेशन अब अपनी झाडू के साथ गांव को चमकाने निकल पड़ा है। फाउंडेशन की ओर से हर रविवार को चलने वाला सफाई इत्रनगरी के लोगो के बीच चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। टीम के सदस्यों को मोहल्ले या गांव में जाना है तो पहले से ही पूरी रणनिति बना लेते है और रविवार को सूर्य देव की पहली किरण के साथ ही हाथों में झाडू लेकर सफाई करने के लिए निकल पड़ते है। इस रविवार को पहल फाउंडेशन टीम ने सफाई करने के लिए सदर विकास खण्ड के मौसमपुर मौरारा स्थित मौरारी देवी देवी मंदिर, कूढ़ी वाले बाबा का संत आश्रम के अलावा कनपटियापुर गांव को चुना और हाथों में झाड़ू थाम कर जब मुख्य मार्ग से लेकर गलियों की सफाई शुरू की तो आसपास भीड़ एकत्रित होकर आश्चर्य चकित तरीके से लोगो को देखने लगी। कोई झाडू लगा रहा था, तो कोई हाथ से ही कचरा साफ कर रहा था, जिससे गांव की गलियां, मार्ग साफ सुथरे हो गये। टीम के सदस्यों ने लोगों से स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले कर कम से कम अपना घर व गांव साफ रखने पर जोर दिया। फाउंडेशन के बरिष्ठ सदस्य प्रदीप मिश्रा ने कहा कि स्वच्छ-स्वस्थ भारत की कल्पना सफाई के प्रति जागरुकता बगैर स्वस्थ्य जीवन की बात बेमानी है। हर घर से स्वच्छता की बयार चले तो निश्चय ही अभियान को गति मिलेगी। इसके लिए हर स्तर पर समाज के सभी वगार्े को आगे आना होगा। मिलन शुक्ला कहते हैं कि स्वच्छता अभियान की सार्थकता तभी सिद्घ होगी, जब हर घर का प्रत्येक सदस्य इसके प्रति स्वयं के साथ ही समाज को सफाई के प्रति जागरुकता फैलाने की पूरी कोशिश हो। तभी स्वच्छता से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। इस दौरान आलोक त्रिपाठी, शैलेन्द्र त्रिपाठी, अजय दुबे, सुमित कश्यप, दिनेश नरायण वर्मा, हरिओर, हरि नरायण अंकित कुशवाहा रहे।