कन्नौज जनपद के नसरापुर निवासी रेनू असल मायने में शिक्षक हैं। यूं तो वह एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में हेड टीचर हैं, लेकिन समाजसेवा व गरीबों की मदद करना उनका शौक है। जहां जरूरत पड़ती है, जरूरतमंदों की सेवा व सहयोग करने आगे बढ़ जाती हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे घर में भी अच्छे से पढ़ें, इसलिए वह उनकी माताओं को भी साक्षर बनाने की मुहिम में जुटी हैं।
रेनू कमल ने बताया कि शिक्षा जगत में आने से पहले उन्होंने जूडो-कराटे सीखा था। योग और ब्यूटी पार्लर का भी काम आता है। 2013 में प्राथमिक स्कूल जसपुरापुर सरैया में सहायक अध्यापक पद पर ज्वाइन किया। चार साल बाद उनको हेड टीचर की जिम्मेदारी मिल गई।
उन्होंने बताया कि गांव समेत आसपास की 35 निरक्षर महिलाओं को अब तक साक्षर बना चुकी हैं। अब वह अपने हस्ताक्षर करती हैं, उनसे अब कोई अनपढ़ होने का फायदा नहीं उठा सकता है। इसके अलावा गांव व पड़ोसी गांव की युवतियों को ब्यूटी पार्लर का काम सिखा दिया। अब उन्होंने इस कौशल को रोजगार का जरिया बना लिया है। वह एनजीओ से जुड़कर कई बार पुस्तकें, स्वेटर, कंबल, कपड़ा व हॉस्पिटल में मरीजों को फल आदि का वितरण करती रहती हैं। इसके अलावा खुद पैसे इकट्ठे कर स्कूल में बच्चों के लिए कुर्सियां, लैपटॉप, सीसीटीवी कैमरे, प्रोजेक्टर आदि लगवाए हैं। छात्र-छात्राओं को समय पर टाई-बेल्ट भी बांटती हैं। तीन साल से उन्होंने दो ऐसे छात्र-छात्राओं को साइकिल देकर सम्मानित करना शुरू कर दिया है जो पढ़ने में अच्छे हैं या रोज स्कूल आते हैं। समाजसेवा में पति व सास-ससुर भी उत्साहवर्धन करते हैं।