मरीजों की कार्बन डाईऑक्साइड से स्वास्थ्यकर्मियों को खतरा
मरीजों की कार्बन डाईऑक्साइड से स्वास्थ्यकर्मियों को खतरा-सौ शैय्या अस्पताल के किसी भी वार्ड में नहीं लगा एग्जास्ट फैनछिबरामऊ। हिंदुस्तान...
छिबरामऊ। हिंदुस्तान संवाद
करोड़ों की लागत से बना सौ शैय्या अस्पताल भले ही आधुनिक सुविधाओं से लैस हो, लेकिन इस अस्पताल के किसी भी वार्ड में एग्जास्ट फैन न लगा होने के कारण स्वास्थ्यकर्मियों को भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। कारण है कि वर्तमान समय में सबसे ज्यादा गंभीर हालत में मरीज पहुंच रहे है, लेकिन उन मरीजों द्वारा सांस लेने के बाद छोड़े जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड तीमारदारों के साथ स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी खतरा बनी हुई है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद से दिलू नगला गांव स्थित सौ शैय्या अस्पताल में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पिछले काफी समय से लगातार खांसी, जुकाम, बुखार और सांस उखडऩे की समस्या से पीडि़त मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। हालत यह है कि कई बार तो इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज जांच के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्यकर्मियों के बचाव हेतु कोई बेहतर व्यवस्था तक नहीं की। हालत यह है कि अस्पताल के किसी भी वार्ड में एग्जास्ट फैन तक नहीं लगा है। ऐसे में मरीजों द्वारा ऑक्सीजन देने के बाद छोड़े जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मरीजों के तीमारदारों को भी संक्रमण के चपेट में आने का खतरा बना रहता है।
डॉक्टर भी मान रहे हैं खतरा
चिकित्साधिकारियों के मुताबिक इमरजेंसी के साथ अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों के मुंह और नाक से निकलने वाली भांप संक्रमणयुक्त हो सकती है, जो स्वास्थ्यकर्मियों के लिए खतरा बन सकती है। वर्तमान के हालातों को देखते हुए सभी वार्डों में एग्जास्ट फैन लगा होना बहुत ही आवश्यक है।
