पांच लोगों ने ईदगाह पर नमाज पढ़ निभाई सोशल डिस्टेंसिंग
कोरोना वायरस के चलते देश में इस समय लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। हांलाकि इस चरण में शासन स्तर पर काफी छूट दी गई है, लेकिन ईद की नमाज घर पर ही पढ़ने की बात कही गई थी। लोगों ने उसका पालन किया। ईदगाह...
कोरोना वायरस के चलते देश में इस समय लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। हांलाकि इस चरण में शासन स्तर पर काफी छूट दी गई है, लेकिन ईद की नमाज घर पर ही पढ़ने की बात कही गई थी। लोगों ने उसका पालन किया। ईदगाह पर सिर्फ पांचलोग ही पहुंचे और उन्होंने वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज पढ़ी। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स भी तैनात रहा।
एक समय था जब लोग पूरे वर्ष ईद-उल-फितर पर्व के आने की का इंतजार करते थे। ईद के दिन सुबह होते ही लोग शहर के ईदगाह पहुंचने लगते थे। नमाजी भाइयों की भीड़ का आलम यह होता था, कि ईदगाह का विशाल परिसर भी छोटा पड़ जाता था और सब लोगों को ईदगाह के पास सड़क पर ही बिछोना डालकर नमाज पढ़नी पड़ती थी। मई-जून की तपिश भरी गर्मी भी नमाजियों को विचलित नहीं कर पाती थी, लेकिन इस बार परिस्थितियां बदली-बदली सी नजर आ रही थी। कोरोना के भारत में बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सिर्फ पांच लोग सैय्यद फुरकान अली कादरी, हाजी नसयुर परवेज, हाजी अनवार अहमद, इकराम हुसैन व महमूद मंसूरी ईदगाह तक पहुंचे और उन्होंने नमाज पढ़ी। इस दौरान वहां सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। यहां पर जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना सैय्यद फुरकान कादरी ने तकरीर देकर मुल्क में अमन-चौन के साथ कोरोना वायरस से निजात दिलाने की अल्लाह ताला से दुआ की।
मोहल्ला सैयदवाड़ा, बिरतिया में फीकी रही ईद
नगर के मोहल्ला सैयदवाड़ा, बिरतिया में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे हॉटस्पॉट कर दिया गया था। ऐसे में मोहल्ले की सीमाएं सील है। ऐसी स्थिति में इन मोहल्लों की ईद इस बार फीकी रही। यह दोनों मोहल्ले मुस्लिम बाहुल्य मोहल्ले हैं।
