Fire Safety Negligence 99 Industrial Units in Kannauj Operate Without Fire NOC बिना फायर एनओसी संचालित हो रहीं 99 फीसदी फैक्ट्रियां, Kannauj Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsKannauj NewsFire Safety Negligence 99 Industrial Units in Kannauj Operate Without Fire NOC

बिना फायर एनओसी संचालित हो रहीं 99 फीसदी फैक्ट्रियां

Kannauj News - कन्नौज में 99 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयां बिना अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र (एनओसी) के चल रही हैं, जिससे सुरक्षा का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन और अग्निशमन विभाग इन इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, कन्नौजFri, 27 Dec 2024 06:18 PM
share Share
Follow Us on
बिना फायर एनओसी संचालित हो रहीं 99 फीसदी फैक्ट्रियां

कन्नौज, संवाददाता। जिले में 99 फीसदी औद्योगिक इकाइयां बिना फायर एनओसी संचालित हो रही हैं। अग्नि सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ कर संचालित औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा का खतरा बना हुआ है, लेकिन अग्निशमन विभाग से लेकर प्रशासन तक इनके खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। जब भी किसी औद्योगिक इकाई में आगजनी या कोई बड़ा हादसा होता है तो अग्निशमन विभाग फायर एनओसी नहीं होने की बात कहकर अपने को किनारे कर लेता है। हादसे के बाद सभी संबंधित विभाग की तरफ से कार्रवाई होती है। लेकिन, समय रहते इनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई नहीं हो रही है। इत्र कारोबार के लिए देश और दुनिया में विख्यात कन्नौज पुराने ढर्रे पर बसा संकरी गलियों वाला शहर है। खास बात यह है कि इन संकरी गलियों में ही इत्र और इससे संबंधित उत्पादों को तैयार करने वाले छोटे-बड़े कारखाने संचालित हो रहे हैं। इनमें सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर काम हो रहा है। उपायुक्त उद्योग धनंजय सिंह ने बताया कि जनपद में पोर्टल पर 365 फैक्ट्री रजिस्टर हैं। इसमें से मात्र चार फैक्ट्री को अग्निशमन से एनओसी जारी की गई। बाकी फैक्ट्रियां बिना एनओसी के संचालित हैं, जो अवैध हैं। अब सवाल यह है कि एक तो संकरी गलियां ऊपर से फायर सेफ्टी की अनदेखी, ऐसे में अगर अग्निकांड जैसी घटना हो जाए तो बड़ा नुकसान हो सकता है। इतना ही विगत कुछ महीनों में अग्निकांड की एक दो घटनाएं हो भी चुकी हैं, जिनमें आग पर काबू पाने को फायर ब्रिगेड को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी।

घटना घटित होने के बाद जागता प्रशासन

घटना घटित होने के बाद जिम्मेदार नींद से जागते हैं। ऐसे हालातों में जांच के नाम पर खानापूर्ति कर घटित घटना को कुछ समय बाद भूल जाते हैं। जनपद के इत्र नगरी में बगैर एनओसी और लाइसेंस के भी फैक्ट्रियां संचालित हैं, जो बड़ी तादाद में अगरबत्ती इत्र सेंट बनाकर अन्य जनपद सहित दूसरे प्रांतों में सप्लाई करते हैं। इनमें नियमों को भी कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है

जिम्मेदार अधिकारी की दलील

अग्निशमन अधिकारी मुकीमुल हक ने बताया कि सभी के मानक अलग-अलग हैं। बिल्डिंग निर्माण को लेकर भी मानक अलग हैं। जगह के हिसाब से लो, मीडियम, हाई तीन तरह की कैटेगरी हैं। टैंक की क्षमता 2500 लीटर तक होनी चाहिए। एरिया के हिसाब से भी मानक अलग-अलग हैं, जो नई बिल्डिंग है। उनके मानक अलग हैं। जो पुरानी बिल्डिंग हैं, उनके निर्माण के समय मानक के अनुसार उनको मानक पूरे करने होते हैं।

कोट

अवैध फैक्ट्रियों की जांच के लिए डीएम कमेटी गठित कर दी है, जो जांच कर रही है। इनको नोटिस जारी किया जा रहा है। अगर नोटिस के बाद भी नियमों की अनदेखी करते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। - धनंजय सिंह, उपायुक्त उद्योग

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।