इंजीनियर की हत्या में आरोपित को पुलिस ने बंदूक सहित दबोचा
दीपोत्सव पर्व की सुबह बहादुरपुर मझिगवा गांव में त्योहार पर घर छुट्टी आए एक इंजीनियर व उसके चचेरे भाई को सरेआम गोलियों से भून डाला था। इसमें इंजीनियर की मौत हो गई थी। मृतक के पिता ने घटना के बाद तीन...
दीपोत्सव पर्व की सुबह बहादुरपुर मझिगवा गांव में त्योहार पर घर छुट्टी आए एक इंजीनियर व उसके चचेरे भाई को सरेआम गोलियों से भून डाला था। इसमें इंजीनियर की मौत हो गई थी। मृतक के पिता ने घटना के बाद तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपित उमेश सिंह उर्फ मिंटू को गांव के पास से ही गुजरे आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे के अंडर पास से बंदूक सहित दबोच लिया। पुलिस की मौजूदगी ने घटना को कबूल करते हुए कहा कि बेटी को लगातार परेशान किए जाने की घटना से आक्रोश भरा था। दीपावली के दिन मेरे घर के सामने खडे़ होकर शिवम दुकान पर खरीददारी कर रहा था। यह देख कर मेरा खून खौल उठा। इसके के चलते उसने इस घटना को अंजाम दे डाला। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ घटना के बावत कार्रवाई की है। थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह का कहना है कि उमेश सिंह घटना के बाद से लगातार फरार चल रहा था। वह कही भागने के लिए एक्सप्रेस वे के अंडर पास पर वाहन का इंतजार कर रहा था। तभी उसे घेराबंदी करते हुए बंदूक सहित दबोच लिया।
खाकी के साए, में हुआ इंजीनियर का अंतिम संस्कार
सौरिख। दीपावली के दिन इंजीनियर की सरेआम हत्या को लेकर गांव में सन्नाटा पसर गया। घटना को लेकर मृतक के परिजनों में आक्रोश है। इसी के चलते इंजीनियर का अंतिम संस्कर गुरुवार को पुलिस की मौजूदगी में हुआ। आरोपितों के खिलाफ गांव में बढे़ आक्रोश को लेकर पुलिस गंभीर है।वह गांव में किसी अनहोनी को लेकर सर्तकता बरत रही है। गुरुवार को मृतक के परिजन अंतिम संस्कार को लेकर आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़ गये। इस पर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने परिजनों का समझा बुझा कर शांत किया। न्याय का भरोसा देते हुए जल्द गिरफ्तारी करने की बात कही। इसके बाद ही परिजनों ने इंजीनियर का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान पुलिस बल मौजूद रहा।
घटना को लेकर गांव में नहीं जले दीपावली के दीए
बहादुरपुर गांव में दीपावली के दिन सरेआम इंजीनियर की हत्या व उसके चचेरे भाई के घायल होने की घटना को लेकर गांव में त्योहार की खुशियां काफूर हो गई। इसी का नतीजा है कि दीपावली के दिन पूरे गांव में त्योहार की सिर्फ रश्में भर निभाई गई।