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शराब के नशे में सिर पर सवार जुनून ने ले ली एक जान

शराब के नशे में हुए विवाद में एक बेकसूर पिता को अपनी जान गंवानी पड़ गई। वारदात के बाद इलाके में सनसनी फैली है। लोग इसे लेकर चर्चा कर रहे हैं। उधर पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई...

शराब के नशे में सिर पर सवार जुनून ने ले ली एक जान
हिन्दुस्तान टीम,कन्नौजThu, 12 Mar 2020 10:58 PM
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शराब के नशे में हुए विवाद में एक बेकसूर पिता को अपनी जान गंवानी पड़ गई। वारदात के बाद इलाके में सनसनी फैली है। लोग इसे लेकर चर्चा कर रहे हैं। उधर पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई है।

मामला कोतवाली क्षेत्र के नथा नगला गांव से जुड़ा हुआ है। यहां के रहने वाले करन सिंह यादव का विवाद गांव के ही आलोक सिंह व उनके साथियों से हो गया था। सूचना पर पहुंची कसावा चौकी पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया था। शाम सात बजे हुई इस लड़ाई के बाद दोनों पक्ष अपने-अपने घर चले गए थे। रात करीब साढ़े 11 बजे आरोपितों ने घर के बाहर चारपाई पर सो रहे करन सिंह के पिता को चाकुओं से गोद कर मौत के घाट उतार दिया। शराब के नशे हुए विवाद में एक बेकसूर पिता की जान चली गई। करन सिंह के मुताबिक करीब पांच माह पहले भी आलोक ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी थी, तब भी विवाद हुआ था। इसके बाद बुधवार को भी जब वह अपनी ओमनी से गांव लौट रहा था, तभी रास्ते में आलोक ने अपने साथियों के साथ बाइक से उसकी वैन में टक्कर मार दी थी। करन सिंह ने बताया कि उस समय भी वह लोग नशे में थे जिससे दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो गई थी।

समझौता कराना पुलिस को पड़ा भारी

बुधवार को नथा नगला गांव में ओमनी चालक करन सिंह और बाइक सवार आलोक सिंह के बीच मारपीट हो गई थी। उस समय करन सिंह और दूसरे पक्ष के आलोक सिंह व उसके साथी शराब के नशे में थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बजाय दोनों पक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने के उनके बीच दबाव बनाकर समझौता करा दिया था। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि कसावा चौकी पुलिस ने उसी समय सख्ती बरती होती और दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की होती, तो आज एक निर्दोषकी हत्या नहीं हुई होती।

ताला तोड़कर मोर्चरी से निकाला गया शव

नथा नगला में हुई ग्रामीण की हत्या के बाद देर रात उसका शव सौ शैय्या अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया था। अस्पतालकर्मियों ने शव रखने के बाद मोर्चरी में ताला डाल दिया था। सुबह पुलिस के पहुंचने पर शव बाहर निकालने के लिए जब चाबी मांगई गई, तब पहले तो काफी देर बाद अस्पतालकर्मी ढूंढे मिले और जब चाबी मिली, तो ताला नहीं खुला। करीब एक घंटे की कवायद के बाद भी जब पुलिस मोर्चरी का ताला नहीं खुलवा सकी, तब मृतक के रिश्तेदार कुलदीप यादव ने अस्पताल के सीएमएस डॉ.कुलदीप यादव से फोन पर बात कर, मोर्चरी का ताला टुड़वाने की बात कही। इसके बाद कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में सीएमएस के नर्दिेश पर अस्पतालकर्मी ने मोर्चरी का ताला तोड़ा, तब कहीं जाकर मृतक के शव को बाहर निकाल जा सका। इस लापरवाही को लेकर लोगों में खासा रोष देखा गया।

पांच बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

नथा नगला निवासी रामवीर पुत्र झम्मन सिंह यादव की हत्या होने से उनके पांच बच्चों के सिर से हमेशा के लिए पिता का साया उठ गया। पिता की मौत के बाद से उनके पांचों बच्चों और पत्नी रानी देवी का रो-रोकर बुराहाल था। परिजनों के मुताबिक मृतक रामवीर के पांच बच्चे, जिनमें करन सिंह, लाल सिंह, प्रदीप, उलफत सिंह और बेटी नेहा हैं और अभी किसी भी बच्चे की शादी भी नहीं हुई है।

मृतक के भतीजे ने लिखाई छह के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट

नथा नगला निवासी ध्रुव सिंह पुत्र उदयवीर ने गांव के ही चंद्रजीत व राजेश पुत्रगण नत्थू सिंह, अशोक पुत्र राजेंद्र, आलोक व नीतू उर्फ नीतेश पुत्रगण चंद्रजीत तथा तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के सिकरोरी गांव निवासी पिंटू पुत्र रामसनेही के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है कि जिसमें कहा गया है कि उसके चाचा रामवीर पुत्र झम्मन सिंह घर के बाहर चारपाई पर सो रहे थे। तभी उन लोगों ने चाकुओं से गोदकर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। इाज के लिए ले जाते समय उनकी मौत हो गई। कोतवाल शैलेंद्र कुमार मश्रिा ने बताया कि तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।

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