गुरसहायगंज हिन्दुस्तान संवाद
छात्र-छात्राओं सहित आम आदमी की सुविधा के लिए शासन के निर्देशन पर बैंक में बनाए जा रहे आधार कार्डों में कर्मी बेखौफ होकर मनमानी कर रहे हैं। जिससे भीषण सर्दी में ठिठुर कर बैंक पहुंच रहे जरूरतमंदों को रोजाना बैंक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जबकि कर्मी चहेतों को विशेष तवज्जो देकर हाथों हाथ उनका काम कर रहे हैं।
दरअसल नगर के तिर्वा रोड स्थित आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में आधार कार्ड बनाने व संशोधन का कार्य किया जा रहा है। ऐसे में नगर सहित आसपास के क्षेत्र से छात्र-छात्राओं सहित जरूरतमंद आधार कार्ड बनवाने व संशोधन कार्य कराने के लिए प्रतिदिन भारी संख्या में बैंक पहुंचते हैं। लेकिन कर्मियों की मनमानी और तानाशाही के कारण भीषण सर्दी में ठिठुर कर बैंक पहुंचने के बाद काम न होने पर उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। मौजूद लोगों ने बताया कि आधार कार्ड के चालान फार्म को प्रमाणित करने में मनमानी की जा रही है। सुविधा शुल्क न देने पर लोगों से समय से बैंक न आने व आवश्यक कार्यों में व्यस्त होने का हवाला देकर कर्मी उन्हें चलता कर देते हैं। जिससे छात्र-छात्राओं सहित लोगों में बैंक कर्मियों की कार्य प्रणाली के प्रति रोष व्याप्त है। जिसकी शिकायत भी उच्चाधिकारियों से की गई है।
नहीं होता कोविड गाइड लाइन का पालन
कार्य के प्रति लारपवाही व मनामनी करने वाले कर्मी यहीं तक सीमित नहीं है। बल्कि वह वैश्विक महामारी कोविड के प्रति भी पूरी लापरवाही बरतते हैं। बैंक में कोविड गाइड लाइन के नियमों को ताख पर रखकर न तो मास्क का प्रयोग किया जाता है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ही हो रहा है। जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है।
चहेतों का रखा जाता ध्यान
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में आधार कार्ड बनवाने से पहले चालान पर हस्ताक्षर कराने व जमा करने का समय सुबह 10 से 10ः30 बजे तक रखा गया है। जिसके बाद कर्मी बैंक आए किसी भी आम आदमी का चालान नहीं लेते। लेकिन यदि कोई उनका चहेता है और अच्छी पैठ लेकर पहुंचता है तो उसके लिए नियम कानून ताख पर रख दिए जाते हैं। जबकि आम आदमी को भीषण सर्दी में बैंक के चक्कर काटने पड़ते हैं। उधर भीषण सर्दी में बैंक खुलने से पहले ही लोग पहुंच जाते हैं लेकिन कर्मी अपना काम ही देर से शुरू करते हैं। जिसका खामियाजा भी आम आदमी को भुगतना पड़ता है।