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बेटे ने मारपीट किर घर से निकाला तो जान देने के लिए रेलवे ट्रैक पर लेट गई बुजुर्ग मां

मां ने जिस बच्चे को नौ महीने तक गर्भ में रखा। पालन-पोषण किया और पढ़ाया-लिखाया, उसी ने ही मारपीट कर घर से निकाल दिया। रो-रोकर परेशान और हताश बुजुर्ग महिला रेलवे ट्रैक पर लेटकर जान देने का प्रयास ...

बेटे ने मारपीट किर घर से निकाला तो जान देने के लिए रेलवे ट्रैक पर लेट गई बुजुर्ग मां
हिन्दुस्तान टीम,कन्नौजThu, 17 Sep 2020 10:34 PM
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मां ने जिस बच्चे को नौ महीने तक गर्भ में रखा। पालन-पोषण किया और पढ़ाया-लिखाया, उसी ने ही मारपीट कर घर से निकाल दिया। रो-रोकर परेशान और हताश बुजुर्ग महिला रेलवे ट्रैक पर लेटकर जान देने का प्रयास किया। टेंपो यूनियन से जुड़े लोगों व पुलिस ने समझा-बुझाकर वृद्धा को बिटिया के घर भेजा।

थाना ठठिया क्षेत्र के रिक्खापुर्वा गांव निवासी 80 वर्षीय महिला गुरुवार शाम पुलिस चौकी के निकट मानीमऊ रेलवे क्राॅसिंग के पास ट्रैक पर लेट गई उस दौरान लाइन को दुरुस्त करने वाली मशीन में लगी बोगी गुजरने वाली थी। निकट ही बाजार से सब्जी खरीद रहे टेम्पो ड्राइवर रामजी शुक्ला निवासी शुक्लनपुर्वा की नजर वृद्धा पर पड़ी और युवक चिल्लाने लगा। चंद मिनट में ही ट्रेन ट्रैक पर मशीन लगी बोगी आ गई। आनन-फानन में वृद्धा को वहां से हटाया गया। जिससे महिला की जान बच गई। जानकारी होने पर मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। मानीमऊ चौकी प्रभारी गौरव कुमार भी पहुंच गए।

वृद्धा को समझाया गया और फल भी दिए। महिला ने बताया पति की मौत 35 साल पहले हो गई थी। दो पुत्र और दो बेटियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। कानपुर में एक पुत्र नौकरी करता है। गांव में दूसरा लड़का और बहू रहते हैं। वृद्धा ने बताया कि छोटी सी बात को लेकर बड़े बेटे रामकुमार ने घर से निकाल दिया। इसलिए वह ट्रेन से जान देने आई थी। मानीमऊ-ठठिया टेम्पो यूनियन अध्यक्ष राकेश दुबे ने महिला को कुछ रुपए दिए और उसके बताए पते पर बिटिया के घर तिर्वा भेजा।

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कार्यालय आए महिला, होगी कार्रवाई

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सचिन दीक्षित ने बताया कि महिलाओं को पूरी तरह से फ्री में कानूनी सहायता दी जाती है। तहसीलों में ट्रिब्यूनल बने हैं। सम्बंधित महिला या पीड़ित किसी तरह उनके कार्यालय आते हैं तो उनको प्रार्थना पत्र भी वहीं लिखवाया जाएगा। अगर पुत्र ने अपनी मां को मारपीटकर बाहर निकाला है तो मामले को गंभीरता से लेते हुए लीगल कार्रवाई होगी। साथ ही वरिष्ठ नागरियों के लिए 2007 में मेंटीनेंस एक्ट भी बना है। इसके तहत बुजुर्ग लोग परिजनों से भरण-पोषण भी मांग सकते हैं।

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डीएम बोले, जांच करवाकर होगी कार्रवाई

इस मामले में डीएम राकेश मिश्र ने बताया कि बुजुर्गों की अनदेखी कानूनन गलत है। सरकार की ओर से इसके सख्त कानून हैं। कोई भी अपने माता या पिता के साथ न तो गलत व्यवहार कर सकता है न ही उनके साथ अभद्रता कर सकता है। इस मामले की पूरी जांच करवाई जाएगी। दोषी मिलने पाए जाने पर सम्बंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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