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रोहिणी नक्षत्र आज महिलाएं रखेंगी करवाचौथ व्रत

झांसी। संवाददाता कार्तिक कृष्ण चंद्रोदय व्यापनी चतुर्थी रविवार को है। महिलाएं पति की दीर्घायु...

रोहिणी नक्षत्र आज महिलाएं रखेंगी करवाचौथ व्रत
हिन्दुस्तान टीम,झांसीSat, 23 Oct 2021 05:05 PM
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झांसी। संवाददाता

कार्तिक कृष्ण चंद्रोदय व्यापनी चतुर्थी रविवार को है। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए निर्जल-निराहार व्रत रखेगी। करवाचौथ व्रत रोहिणी नक्षत्र होने से बेहद फलदायी है। निर्णय सागर पांचांग के अनुसार चंद्रोदय 8.30 बजे होगा। रात गहरी होते ही घर-घर भगवान शिवजी, मां पार्वती और कार्तिकेय का पूजन होगा। फिर चंद्रदेव को अध्र्य देकर व्रत का परायण किया जाएगा।

जिला धर्माचार्य महंत विष्णु स्वामी के अनुसार रोहिणी नक्षत्र कृष्ण चंद्रोदय व्यापनी चतुर्थी बेहद शुभ है। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए चंद्रदेव को अर्ध देंगी। चंद्रमा के दर्शन करने के पश्चात बहूएं वायना निकलकर अपनी सास को समर्पित करेंगी। सुहागिन महिलाओं के लिए अति उत्तम है। वहीं शनिवार को करवाचौथ व्रत के लिए महिलाएं खासी उतावली रहीं। दिन भर तैयारियों के दौर चले। शहर के बाजार भी खिले-खिले रहे। कपड़ा, ज्वैलरी, मेंहदी, चूड़ियां, ऑर्टीफिशियल ज्वैलरी, पॉर्लर पर भीड़ रही। मॉल पर भी लोगों ने खासा वक्त दिया। वहीं कहानी की किताब, मिट्टी के करवा, पूजन सामग्री और पत्रक घर-घर पहुंचे। मिठाई, गिफ्ट पैक, ड्राई फूड की दुकानें भरी-भरी रहीं।

रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि चंद्रमा, सर्वार्थ योग

उपडारा वाले मनोज शास्त्री ने बताया कि निर्णय सागर पचांग के अनुसार रविवार को सुबह 3.01 मिनट से चतुर्थी प्रारंभ चतर्थी प्रारंभ होगी। जो 25 अक्तूबर की सुबह 5.43 बजे समाप्ती होगी। इस दौरान रोहिणी नक्षत्र रहेगा। वृषव राशि चंद्रमा रहेगा। बोले, रोहिणी, चंद्रमा की पत्नी हैं। अखण्ड सौभाग्य की कामना से माता पार्वती ने भोलेनाथ को पाया। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, यश के लिए निराजल व निराहार रहती हैं। भोलेनाथ, मां पार्वती, कार्तिकेय का पूजन किया जाता है। सर्वप्रथम महिलाएं चौक बनाएं। मंडप सजाएं। चंद्रोदय के पहले पूजन करें। चंद्रोदय के बाद महिलाएं चंद्रदेव का पूजन करें। अघ्र्य दें। पति की आरती उतारें। फिर उन्हीं के हाथों पर पानी ग्रहण करें।

एक चांद के दीवार को हुई खरीदारी

करवाचौथ पर्व को लेकर शनिवार नगर के बाजारों में रौनक रही। सीपरी, सदर, बड़ाबाजार, नरिया बाजार, बजाजा बाजार, पसरठ, टकसाल, वासुदेव मार्केट में कपड़ा, बर्तन, पूजन सामग्री, ज्वैलरी, साड़ी, सूट्स की दुकानें भरी-भरी रहीं। मिठाई, गिफ्ट आइटम भी घर-घर पहुंचे। कॉस्मेटिक, ब्यूटी पॉलर, ऑर्टीफिशियल ज्वैलरी की दुकानों पर महिलाओं ने मैचिंग के सेट्स तलाश किए। एक चांद के दीवार को खूब खरीददारी हुई। मिट्टी के करवा 20 से 50 रुपए के बिके तो बाली, पत्रक, कहानी की किताब और पूजन सामग्री के दाम अलग-अलग रहे।

चांद के दीवार को होगा सितारों से श्रृंगार

रविवार को महिलाएं चांद के दीदार को सितारों सा श्रृंगार करेंगी। शनिवार को किसी ने हाथों में मेंहदी रचवाई तो कोई ब्यूटी पॉलर गया। बाजार में खरीददारी कर रही कुसुम सेन बताती हैं कि रविवार सुबह से व्रत रखेंगे। बाजार में खरीदारी हो गई है। बस, अब रविवार का इंतजार है। ज्योति पटेल ने बताया कि फेशनेबिल चूड़ियां खरीदी हैं। श्रृंगार के सामान की खरीदारी हो गई है। वहीं खासतौर से पहला-पहला करवाचौथ व्रत रख रहीं महिलाएं खास उत्साहित हैं।

कहते हैं व्यापारी

ऑर्टीफिशियल ज्वैलरी शॉप के राकेश कुमार बताते हैं कि मैचिंग के इयररिंग, गले के सेट्स, कमरबंद, अंगूठी सहित अन्य की डिमांड है। कपड़ा व्यापारी राधेश्याम बताते हैं कि पटियाला, राजस्थानी लहंगा खूब पसंद किए जा रहे हैं। दुकान पर कई तरह की वैरायटी हैं। दाम भी उसी हिसाब से हैं। चूड़ी व्यापारी उस्मान, अनवार कहते हैं शनिवार को कुछ व्यस्तता बढ़ी रही। मैचिंग की चूड़ियां को ज्यादा पसंद की जा रही है। पंजाबी जूड़ा की डिमांड है।

करवा चौथ व्रत विधि

दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा का चित्र बनाएं।

अठावरी बनाएं। हलवा, पक्के पकवान बनाएं।

पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बैठाएं।

लकड़ी के पट्टे पर लाल कपड़ा बिछाएं। गौरी को आसन पर बैठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। चुनरी चढ़ाएं। सुहाग सामग्री अर्पित करें।

जल से भरा हुआ लोटा रखें।

मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें।

रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं।

गौरी-गणेश और चित्रित करवा की पूजा करें। पति की दीघायु की कामना करें।

कथा के बाद बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लें।

रात में चंद्रमा निकलने के बाद छलनी से चांद को देखें, अध्र्य दें।

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