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झांसी में 2 लाख 24 हजार किसानों को मिलेगी पेंशन

बुन्देलखण्ड के किसानों को अधिकांश आपदा का सामना करना पड़ता है और कभी अतिवृष्टि होती है तो कभी सूखा के हालात सामने होते है। ऐसे में किसानों की मेहनत बेकार साबित होती है और उन्हें फसलों का नुकसान उठाना...

झांसी में 2 लाख 24 हजार किसानों को मिलेगी पेंशन
हिन्दुस्तान टीम,झांसीFri, 08 Mar 2019 10:34 PM
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बुन्देलखण्ड के किसानों को अधिकांश आपदा का सामना करना पड़ता है और कभी अतिवृष्टि होती है तो कभी सूखा के हालात सामने होते है। ऐसे में किसानों की मेहनत बेकार साबित होती है और उन्हें फसलों का नुकसान उठाना पड़ता है। हालांकि किसानों के लिए कृषि बीमा और आपदा की स्थिति में उन्हें आर्थिक मदद भी दी जाती है, लेकिन छोटे किसानों का केन्द्र सरकार ने खास ख्याल रखा। लघु सीमांत किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से पेंशन दी जाएगी। जिसके लिए अब तक 2 लाख 24 हजार किसानों का डाटा सामने आया है। इसमें से पौने दो लाख किसानों के डाटा को लॉक भी कर दिया।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो हैक्टेयर या इससे कम भूमि वाले किसानों को भारत सरकार की ओर से प्रत्येक चार माह में दो हजार रुपए की राशि उनके खाते में भेजी जानी है। इसमें से कुछ किसानों के खाते में भेजी भी जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा योजना का शुभारंभ गोरखपुर से 24 फरवरी को किया गया था। इसमें जिले के किसान भी लाभान्वित विकास भवन के सभागार से किए गए थे।

किसानों द्वारा आवेदन की प्रक्रिया लगातार चल रही है तो वहीं लघु सीमांत किसानों का डाटा भी विभिन्न आन लाइन योजना के तहत जुटाया गया था। प्रक्रिया लगातार जारी है और जिले भर में भूलेख के अनुसार किसान 2 लाख 86 हजार 417 है। इसमें से लघु सीमांत किसान 2 लाख 24 हजार है। ये सभी किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत है और उचित समय पर आवेदन के बाद इन्हें लाभ मिलना भी तय है।

हालांकि जिले से अभी तक लघु सीमांत किसान 1 लाख 86 हजार का डाटा लॉक किया जा चुका है। कृषि विभाग के अलावा योजना के लिए किसानों के डाटा की फीडिंग तहसील स्तर पर भी की जा रही है। किसानों के डाटा का सत्यापन भी किया जा रहा है ताकि योजना में अपात्रों का चयन न हो और इसका लाभ किसानों को सीधा मिले। खातों को लिया जा रहा है जिसके बाद रकम सीधे खाते में ट्रांसफर होगी।

आचार संहिता बन सकती है रोड़ा

कृषि विभाग ने बताया कि यदि आचार संहिता लगती है तो फिर किसी भी नए किसान के आवेदन न तो लिए जाएंगे और न ही विभाग स्वीकार करेगा। ऐसे में किसानों को लाभ लेने के लिए तुरंत आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद सत्यापन में सही पाए जाते है तो किसानों को योजना का लाभ मिल सकेगा।

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