कम खाद पाकर आक्रोशित किसानों ने की नारेबाजी पुलिस की मौजूदगी में पीसीएफ गोदाम पर बांटी गई खादकिसानों का आरोप, चाहिए पांच-7
Jhansi News - कम खाद पाकर आक्रोशित किसानों ने की नारेबाजीपुलिस की मौजूदगी में पीसीएफ गोदाम पर बांटी गई खादकिसानों का आरोप, चाहिए पांच-7 बोरी मिल रही एक बोरी खादकिसा

कम खाद पाकर आक्रोशित किसानों ने की नारेबाजी पुलिस की मौजूदगी में पीसीएफ गोदाम पर बांटी गई खाद
किसानों का आरोप, चाहिए पांच-7 बोरी मिल रही एक बोरी खाद
किसान नेता बोले, हर रोज समितियों, पीसीएफ गोदाम पर भेजी जाए खाद
फोटो नंबर 03 खाद लेने के लिए दूर-दूर तक लगी किसानों की कतारें व नारेबाजी करते लोग।
झांसी (मऊरानीपुर), संवाददाता
किसानों की समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बुवाई का समय पीक पर है। पर, कई दिनों भटकने के बाद भी किसानों को जरूरत के हिसाब से डीएपी नहीं मिल पा रही है। मंगलवार को मऊरानीपुर पीसीएफ सहित अन्य समितियों पर पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में डीएपी बांटी गई। वहीं जरूरत के हिसाब से खाद न मिलने से किसान आक्रोशित हो गए।
उन्होंने कई बार नारेबाजी की। आरोप लगाया कि 10-10 दिन पुराने टोकन लेकर खड़े हैं। आज नंबर भी आया तो मात्र दो बोरी खाद देकर टकराया जा रहा है। वहीं किसान नेताओं ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मऊरानीपुर स्थित सहकारी समिति व पीसीएफ केंद्र पर मंगलवार को तड़के किसानों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। 10.30 बजे जैसे ही खाद बंटना शुरू हुई तो अजब-गजब स्थिति हो गई। बाद में यहां पुलिस बुलाई गई। नंबर से किसानों को खाद दी गई। वहीं पर्याप्त मात्रा में खाद न मिलने से किसानों ने नाराजगी जाहिर की है। द्वारका प्रसाद ने बताया कि पहले दिए गए टोकन वाले किसानों को खाद दी गई। लेकिन, वह इतनी कम थी कि खेत की खुराक पूरी नहीं हो पाएगी। बताया, सात बोरी डीएपी की जरूरत है। जानकी देवी ने बताया कि मोड़ी-मोड़ा को घरैं छोड़कर 15 दिनन से खाद के लाने भटक रहे हैं। यहां पूरी बोरी खाद की नहीं मिल रही है। अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि समितियों, गोदामों पर खाद की किल्लत बरकरार रही है। मात्र एक ट्रक खाद का आया है। जबकि पांच हजार से अधिक किसान खाद लेने के लिए खड़ा है। उन्होंने अब कि अब बुवाई का समय बेहद करीब है। सात दिनों में अगर बुवाई नहीं हुई तो किसान बर्बाद हो जाएंगे। किसान नेता शिव नारायण सिंह परिहार ने कहा कि समितियों पर हर रोज एक और पीसीएफ केंद्रों पर हर रोज दो ट्रक खाद भेजी जाए। ताकि किसानों को आसानी से खाद मिल सके। बताया, बुवाई समय पीक पर है। लेकिन, खाद की किल्लत पूरी नहीं हो रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो किसानों की पीड़ा परेशानी को देखते हुए आंदोलन किया जाएगा।
इनसेट
पलेवा के बाद जमीन भी सूख गई
बौंडा जानकी प्रसाद ने बताया कि एक महीने पहले पलेवा किया था। अब जमीन की नमीं तक सूख गई है। पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल सकी है। जिससे लगातार परेशान बने हुए हैं। राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पत्नी सहित खाद लेने आए हैं। लेकिन, दस दिनों से टोकन लेकर घूम रहे हैं। पत्नी को जरूर दो बोरी खाद मिल गई है। लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है। जब तक पर्याप्त खाद नहीं मिलती, तब तक बुवाई करना मुश्किल होगा। अभी किसानों को डीएपी की जरूरत है।
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