राष्ट्रीय लोक अदालत अधिक वाद निस्तारण पर हुआ विचार
जिला जज की अध्यक्षता में आयोजित हुई तीसरी प्री ट्रायल बैठकराष्ट्रीय लोक अदालत अधिक वाद पर हुआ विचार राष्ट्रीय लोक अदालत अधिक वाद पर हुआ विचार...

जौनपुर, संवाददाता
11 फरवरी को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण को लेकर बुधवार को दीवानी न्यायालय में विभिन्न समय पर जनपद न्यायाधीश श्रीमती वाणी रंजन अग्रवाल के निर्देशन में प्री-ट्रायल की तीसरी बैठक आयोजित की गई। दोपहर 2:30 बजे पीठासीन अधिकारी न्यायालय/कार्यालय मोटर दुर्घटना दावा अभिकरण भुदेव गौतम की अध्यक्षता में हुई। इसमें पीठछासीन अधिकारी ने लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित वादों के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने अधिवक्ताओं का आह्वान किया कि 11 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराएं। उन्होंने कहा कि समझौता पत्र मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में प्रस्तुत कर वादों का निस्तारण कराया जा सकता है। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अधिकरण से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। बैठक में लोक अदालत के लिए गठित एमएसीटी पीठ के सदस्य अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव व समस्त बीमा कम्पनी के अधिवक्तागण रहे।
दूसरी बैठक शाम चार बजे प्रधान न्यायाधीश श्रीमती रीता कौशिक की अध्यक्षता में उनके विश्राम कक्ष में हुई। इसमें उन्होंने समस्त अपर प्रधान न्यायाधीश को आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकतम मामलों के निस्तारण के लिए वादों को चिन्हित करने तथा पक्षकारों को सम्मन/नोटिस प्रेषित कर लोक अदालत में वादों के निस्तारण के लाभों को बताते हुए पक्षकारों को प्रेरित करने का निर्देश दिया। इस मौके पर विजय कुमार गुप्ता, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय प्रथम एवं कुलदीप कुमार, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय तृतीय, प्रभारी सचिव/सिविल जज सीनियर डिवीजन व परिवार न्यायालय के कांउसलर उपस्थित रहे। यह जानकारी प्रभारी सचिव/सिविल जज सीनियर डिवीजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर ने दी है।