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पूर्वांचल में जौनपुर के शिक्षक छुट्टी मांगने में सबसे आगे

Jaunpur News - 0 यहां छुट्टी के लिए नहीं करनी पड़ती भागदौड़, सबसे ज्यादा 93.53% हुआ निस्तारणता। अपने अधिकार का उपयोग कहें या फिर जरूरत। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन पूर

Newswrap हिन्दुस्तान, जौनपुरSat, 28 Dec 2024 11:47 PM
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जौनपुर, कार्यालय संवाददाता। अपने अधिकार का उपयोग कहें या फिर जरूरत। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन पूर्वांचल के दस जनपदों में जौनपुर के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षक छुट्टी मांगने के मामले में सबसे आगे हैं। यहां शिक्षा विभाग इन्हें दौड़ाता भी नहीं। बस आवेदन करने वाले के पास उचित कारण होना चाहिए। एक साल में आवेदन करने वाले 93.53 फीसदी मामलों का निस्तारण करके जौनपुर बीएसए की टीम ने प्रदेश भर में अव्वल स्थान हासिल किया है। हालांकि छुट्टी मांगने के मामले में प्रदेश में सीतापुर के शिक्षक सबसे आगे हैं। वहां 31 हजार से अधिक आवेदन छुट्टी के लिए किए गए।

शिक्षा विभाग के अनुसार, परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का डॉटा मानव संपदा पोर्टल पर फीड है। नियम के मुताबिक किसी भी शिक्षक को छुट्टी के लिए आवेदन करना होता है। उसका निस्तारण खंड शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से किया जाता है। दिसंबर के पहले सप्ताह तक के आवेदनों की स्क्रीनिंग स्कूल महानिदेशक स्तर से हुई तो पता चला कि आवेदन के निस्तारण में जौनपुर सबसे आगे है। यहां छुट्टी के लिए कुल 29686 आवेदन हुए, जिसमें 26779 का निस्तारण कर दिया गया। यानी निस्तारण का औसत 93.53 फीसदी रहा। यह आंकड़ा पूर्वांचल के अन्य जनपदों की तुलना में सबसे ज्यादा है। बता दें कि जौनपुर में पूर्वांचल के अन्य जनपदों की तुलना में शिक्षक भी ज्यादा हैं। यहां करीब 15 हजार शिक्षक परिषदीय स्कूलों में तैनात हैं।

अन्य जनपदों की क्या है स्थिति

पूर्वांचल के अन्य जनपदों में आजमगढ़ जिले में 91.56 फीसदी निस्तारण हुआ। बलिया में 92.09, भदोही में 93.19, चंदौली में 88.91, गाजीपुर में 91.84, मऊ में 89.23, मिर्जापुर में 90.79, सोनभद्र में 92.04 और वाराणसी में 92.42 फीसदी का निस्तारण हो गया। बात करें छुट्टी के आवेदन की तो आजमगढ़ में 26 हजार, बलिया में 18 हजार, भदोही में नौ हजान नौ सौ, चंदौली में दस हजार, गाजीपुर में 18 हजार, मऊ में नौ हजार सात सौ, मिर्जापुर में 12 हजार, सोनभद्र में दस हजार और वाराणसी में 15 हजार से कुछ अधिक आवेदन किए गए।

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कोट::

शिक्षकों की ओर से किए जाने वाले आवेदन को गंभीरता से परखा जाता है। जिसे जरूरत होती है उसे छुट्टी दी जाती है। आगे हमारा प्रयास है कि किसी भी जरूरतमंद शिक्षक को आसानी से छुट्टी मिल सके। जहां शिक्षकों को छुट्टी दी जाती है वहां पठन पाठन व्यवस्थित रूप से चलता रहे इसके लिए भी निगरानी रखी जाती है।

- डॉ. गोरखनाथ पटेल, बीएसए-जौनपुर

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