कलयुग के प्रत्यक्ष देवता हैं हनुमानजी
गौराखुर्द तेजीबाजार गांव में शनिवार से पांच दिवसीय श्रीराम कथा अमृत वर्षा के प्रथम दिन बिहार के रोहतास निवासी मानस पीयूष विनोद पाठक ने हनुमत चरित का वर्णन किया।उन्होंने कहा कि प्रभु राम धरती पर जितने...
गौराखुर्द तेजीबाजार गांव में शनिवार से पांच दिवसीय श्रीराम कथा अमृत वर्षा के प्रथम दिन बिहार के रोहतास निवासी मानस पीयूष विनोद पाठक ने हनुमत चरित का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि प्रभु राम धरती पर जितने भी लक्ष्य लेकर धरा पर आये, उसे हनुमंत लाल ने ही पूरा किया। भगवान राम के हृदय में भाई भरत, जानकी, लक्ष्मण, सुग्रीव एवं विभीषण बसते थे। परन्तु इन सबकी रक्षा हनुमान ने की। प्रभु राम ने हनुमान से कुछ मांगने की इच्छा पूछी तो उन्होंने सिर्फ दोनों चरण कमल मांगे। उन्होंने कलयुग के प्रत्यक्ष देवता हनुमान जी को बताया। कथा वाचक प्रकाश चन्द्र पाण्डेय विद्यार्थी ने कहा कि प्रभु राम भक्तों की रक्षा के लिए अवतरित हुए। उन्होंने कहा कि त्रेता युग में भी धर्म की रक्षा करने वालों का अभाव था। ऐसे में निशाचरों का मर्दन आवश्यक हो गया था। विद्यार्थी ने कहा कि धर्म की हानि ही रामावतार था। चौरीचौरा से पधारे मानस मर्मज्ञ हेमन्त तिवारी ने नारद मोह एवं विवाह प्रसंग का वर्णन किया। संचालन डा. हरिशंकर शुक्ल एवं आभार आयोजक शारदा प्रसाद सिंह व अरविन्द कुमार सिंह ने व्यक्त किया।