जीवन का अलभ्य लाभ सत्संग : तुलसीदास
क्षेत्र के चक्के गांव स्थित कुटीर उपवन में शनिवार को आयोजित भागवत कथा में अयोध्या धाम से पधारे भागवत मर्मज्ञ तुलसीदास ने कहा कि सत्संग जीवन का अलभ्य लाभ है। हमारा अनमोल समय परदोष दर्शन में खप रहा है।...
क्षेत्र के चक्के गांव स्थित कुटीर उपवन में शनिवार को आयोजित भागवत कथा में अयोध्या धाम से पधारे भागवत मर्मज्ञ तुलसीदास ने कहा कि सत्संग जीवन का अलभ्य लाभ है। हमारा अनमोल समय परदोष दर्शन में खप रहा है। मानव बनना तो सरल है पर मानवता लाना कठिन है।
उन्होंने कहा कि कथा सत्संग की परंपरा बहुत पुरानी है। भागवत कथा व्यथा को दूर करती है। ठीक उसी तरह जैसे अशोक वाटिका में हनुमान जी द्वारा कथा सुनकर सीता मां की व्यथा दूर हो गई। उद्धव और वज्रनाभ के पावन मिलन की कथा का भाव बोध कराते हुए उन्होंने कहा कि संसार की हर वस्तु नश्वर है। मोह ग्रस्त होकर ऐसा कर्म ना करें जिससे पश्चाताप करना पड़े। शासन की गाइड लाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने कथा सुनी। डा.अजयेन्द्र कुमार दुबे ने कथा श्रवण करने आये सभी श्रद्धालुओं को मास्क वितरित किया। उन्होंने कथा वाचक का अभिनंदन करते हुए आगत जनों को साधुवाद दिया। आरती वंदन अभिराम दुबे ने किया। इस मौके पर पं.राम सुमेर मिश्र, ब्रह्मदेव दुबे, श्रीभूषण मिश्र, पं.हरिशंकर, आचार्य श्याम जीत पांडेय, प्रेम शंकर दुबे, कृष्णलला दुबे, कृष्ण प्रताप दुबे, विजयेन्द्र कुमार दुबे, रवि दुबे, कमला यादव, जगदीश यादव, विष्णु कश्यप, श्याम मिलन यादव, जितेंद्र दुबे, उपेंद्र दुबे, विजय, राकेश, मुन्ना अन्य रहे।