हुनर की बदौलत जिंदगी में रोशनी ला रहा दीपक
जौनपुर। संवाददाता मछलीशहर तहसील क्षेत्र के रसूलपुर गांव निवासी दृष्टि बाधित दीपक सरोज...
जौनपुर। संवाददाता
मछलीशहर तहसील क्षेत्र के रसूलपुर गांव निवासी दृष्टि बाधित
दीपक सरोज भले ही दुनिया की चकाचौध को देख नहीं पा रहा है लेकिन महसूस करते हुए कड़ी मेहनत की बदौलत वह शिक्षक बन समाज को शिक्षा प्रदान करना चाहता है। स्नातक की डिग्री लेने के बाद कम्प्यूटर व म्यूजिक में डिप्लोमा करने वाले दीपक सरोज को इसका तनिक भी मलाल नहीं है कि वह देख नहीं पाता। अलबत्ता वह अपने अकेलेपन को संगीत के माध्यम से दूर करता है। पिता अशर्फीलाल के चार बेटों में दो बेटे दृष्टि बाधित हैं। सबसा बड़ा दीपक सरोज व दूसरे नम्बर पर गोपाल है।
21 वर्षीय दीपक श्री जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट से हिंदी, अंग्रेजी व गणित से बीए की परीक्षा उत्तीर्ण की। फरीदाबाद से कम्प्यूटर में डिप्लोमा किया। मौजूदा समय में यही से एमए की पढ़ाई कर रहा है।
विश्व दिव्यांग दिवस पर डायट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए दीपक ने जब मंच पर पहुंचकर प्रभु आपकी कृपा से सब काम हो रहा है गीत गुनगुनाया तो लोग भावविभोर हो उठे। गाने के साथ साथ सभी वाद्ययंत्र को भी बखूबी बजा लेता है। दीपक ने बताया कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में वह आवेदन जरुर करता है और परीक्षा देने भी ट्रेन से अकेले जाता है। वैसे कहते है कि हीरा को तराशन के लिए जौहरी की जरुरत होती है उसी तरह से दीपक के जीवन में संजय मिश्रा स्पेशल एजुकेटर का काफी योगदान रहा है। दीपक जब पांच साल का था तभी से उसकी मदद में साथ साथ रहे।