जौनपुर। जिला मुख्यालय से लेकर सीएचसी पर चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में न्यूरो के चिकित्सक की तैनाती न होने के चलते इस तरह के मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में मरीज की मजबूरी बन जाती है कि प्राइवेट अस्पतालों में अधिक धन खर्च कर इलाज करवाएं। सीएमओ ने बताया कि न्यूरो के चिकित्सक की तैनाती शासन करेगी। वैसे ही चिकित्सकों की कमी है।
जिला अस्पताल में फिजियोथिरेपी भी इस समय नहीं हो रही है। ठंड में गठिया या जोड़ की समस्या लेकर मरीज अस्पताल तो आते हैं लेकिन उनकी व्यवस्था सितम्बर से बंद कर दी गयी है। फिजियोथिरेपी वाले स्थान पर आरटीपीसीआर केंद्र बना दिया गया है।
हिसं. महराजगंज सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को 40 किमी की दूरी तय करके जिला मुख्यालय आना पड़ता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 30 बेड का अस्पताल है। सीएचसी पर हड्डी रोग, बालरोग और महिला रोग विशेषज्ञ की कमी है। जबकि ब्लाक क्षेत्र में 89 ग्राम पंचायत व 83 क्षेत्र पंचायत हैं। जहां लगभग दो लाख की आबादी है। लेकिन चिकित्सकों के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पसुमन देवी ने बताया कि महिला चिकित्सक न होने से महिलाएं पुरुष डाक्टरों से खुलकर अपने मर्ज के बारे में नहीं बता पाती हैं। इस सम्बंध में सीएचसी अधीक्षक शशिकांत पटेल ने बताया कि डाक्टरों के न होने से मरीजों को परेशानी हो रही जिसकी लिखित सूचना सीएमओ को दी गयी है।